मन जिसके वश में है ऐसा व्यक्ति सब कामनाओं को त्यागकर नवद्वारों वाले शरीर रूप घर में रहते हुए भी उसकी आत्मा परमात्मा के स्वरुप में स्थित रहती है (5-13)
Renouncing all actions with the mind, the masterful embodied self dwells at ease in its nine-gated fortress-- it neither acts nor causes action.