मैं कोई लेख क नहीं हूँ . जो कुछ भी मैं लिख रहा हूँ वो न तो कोई कहानी है न ही कोई लेख सिर्फ कुछ किस्से है कुछ वाकय है जो सुनी थी या कही पढ़ी
थी . जो कुछ याद रहा वो लिख दिया जो भूल गया उसे छोड़ दिया . इसलिये न तो यह इतिहास है न ही वेद वाक्य . सत्य है या असत्य मैं नहीं जानता परंतु इन बातो में तर्क जरूर है इसलिए लिख रहा हूँ . तर्कहीन होती तो शायद न लिखता .
रावण की माहानता:
कुछ लोग रावण को महान बताने के लिए तरह-तरह के किस्से या कहानिया जोड़ते है जिनमे कोई तर्क नहीं है . रावण में कोई महानता नहीं थी , या तो वो रावण के विषय में विस्तार से नहीं जानते या राम के विरोधी है .