खेती , गोपालानोर ईमानदारीपूर्वक व्यापार करना वैश्य के स्वाभाविक कर्म है . तथा सब वर्णो की सेवा करना शूद्र का स्वाभाविक कर्म है .(18-44)
Farming, herding cattle, and commerce are intrinsic to the action of a commener; action that is essentially serviceis intirnsic to the servant.