अर्जुन बोले -- हे कृष्ण ! युद्ध क्षेत्र में डटे हुए युद्ध के अभिलाषी इन स्वजनों को देखकर मेरे अंग शिथिल हुए जा रहे है तथा मेरे शरीर में कम्पन एवं रोमांच हो रहा है . (1-29)
Arjun said: Krishan, I see my kinsmen gathered here, wanting war. My limbs sink, my mouth is parched, my body trembles,the hair bristales on my flesh.