हे अर्जुन! तू मुझमे मनवाला हो, मेरा भक्त बन, मेरा पूजन और मुझको प्रणाम कर. ऐसा करने से तू मुझे ही प्राप्त होगा, यह मैं तुझसे सत्य कहता हूँ, क्योकि तू मेरा अत्यंत प्रिय है. (18-65)
Keep your mind on me, be my devotee, sacrificing, bow to me--- you will come to me, I promise, for you are dear to me.