हे कुंतीपुत्र! सर्दी-गर्मी और सुख-दुःख को देने वाले इन्द्रियों और विषयो के संयोग तो क्षणभंगुर है. इसलिए तू उन को सहन कर .(2-14)
Contacts with matter make us feel heat and cold, pleasure and pain. Arjun, you must learn to endure fleeting things -- they come and go !