कि दिल नहीं ,आज दिल लगाने का
दिल की आवाज, दिल तक पहुंचाने का
कि दिल्लगी आज जमाने को करने दे
कहीं पर आसमां को धरती से मिलने दे।
20 दिसम्बर 2021
1 फ़ॉलोअर्स
अभी तो सपने संजोए है मैंने कि अभी इनका साकार होना बाकी है। अभी तो जोत जलाए हैं मैंने कि अभी इनका दिव्याकार होना बाकी है।D