🥀 ख्वाहिश थी गुलाब की
पर कांटा हाथ लगा
दिखाने चले जमाने को
तो वह भी खिलाफ लगा।🥀
20 दिसम्बर 2021
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अभी तो सपने संजोए है मैंने कि अभी इनका साकार होना बाकी है। अभी तो जोत जलाए हैं मैंने कि अभी इनका दिव्याकार होना बाकी है।D