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मुझे डर लगता है

दिनेश कुमार कीर

5 अध्याय
8 लोगों ने लाइब्रेरी में जोड़ा
85 पाठक
30 अक्टूबर 2022 को पूर्ण की गई
निःशुल्क

डर, भय 

mujhe dar lagta hai

0.0(1)


बहुत खूबसूरत लिखा गया है

पुस्तक के भाग

1

माँ, मुझे डर लगता है (माँ-बेटी का संवाद)

30 अक्टूबर 2022
54
9
3
2

हवस का भूखा इंसान

8 मई 2023
19
4
1

एक सामान्य स्वप्न ले कर जीने वाली लड़की।एक मध्यमवर्गीय परिवार की बेटी जिसने अभी जीना शुरू भी नहीं किया था कि जला कर मार दी गयी। क्यों ? क्योंकि किसी राक्षस का दिल आ गया था उसपर !उसे बीवी बना कर अपनी झ

3

माँ, मुझे कोख में रहने दो (माँ-बेटी का संवाद)

16 जनवरी 2024
5
0
0

**माँ, मुझे कोख में रहने दो** *(माँ-बेटी का संवाद)* "माँ, मुझे कोख में रहने दो, मैं भी देखना चाहती हूँ दुनिया की रौशनी को। मैं भी जीना चाहती हूँ, &nbsp

4

डरावनी रात

17 जनवरी 2024
5
0
0

**डरावनी रात** *(लड़की के संदर्भ में)* रात थी गहरी, सन्नाटा था फैला, आसमान में बादल काले थे छाए। एक लड़की अकेली घर लौट रही थी, दिल में था डर, आँख

5

5

18 अगस्त 2024
2
0
0

ज़हरीली हो गई है बाहर की हवाएं,माँ मुझे फिर से अपने आंचल में छुपा लो

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