द्विगुणित चौपाई चतुष्पदी मुक्तक
दिनकर का परिचय अति सुन्दर , भाव प्रवण रचना अलबेली l
द्वन्द गीत कुरुक्षेत्र सु दिल्ली , नीलकुसुम कवि श्री अलबेली l
घूप छाँह रसवंती वापू , प्रणभंग रेणुका हुंकारहिं l
हारे को हरि नाम उर्वशी , सु नीम के पत्ते अलबेली ll
राजकिशोर मिश्र राज प्रतापगढ़ी