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प्रकृति की प्यारी सी रहमत की धूप का इक टूकड़ा, अल्फाब्स की माने तो वो ही हूँ, जो कागज पर आते हैं, जीवन के इस रणक्षेत्र में एक योद्धा की तरह...!!

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