इन दिलकश आंखों में इतना डूबे की होश ना रहा
इन प्यारी बातों में इतना घूमें की होश ना रहा
इन प्यारी नजाकतों में इतना डूबे की होश ना रहा
इन गालों की डिंपलों में इतना घूमें की होश ना रहा
इन होंठों के पोरों में ढूंढा ऐसा किनारा कि होश ना रहा
इन जुल्फों की कोमलता में इतना झूले की होश ना रहा
इन सपनों के शहर में इतना डोले कि होश ना रहा