अपनी कुछ अनसुलझी भावनाएं
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<div>दे दो दिल का कुछ प्यार</div><div>बन जाओ मेरे तलबगार</div><div>हो जाओ मुझमें निसार</div><div>आ ज
<div>चाहेंगे जरूर पर मरते रहेंगे ....!!</div><div>जीना है तेरे संग पर मरते रहेंगे ....!!</div><div>त
<div>अटरिया पर कब आओगे काग</div><div>पितरों को अब कैसे पहुंचेगा भाग</div><div>आधुनिकता के मानव अब तो
<div>साथ मेरे एक प्याला चाय का पीने में बरसों लगा दिए</div><div>साथ मेरे कदम से कदम चलने में बचपन बी
<div>तेरी चाहत को अपनी नाकामी से डूबों देंगे</div><div><br></div><div>हम अपने हाथों से ही अपना गला घ
पूर्णमासी की रात में और चांद तारों की बात में<div>कुछ रिमझिम फुहारें और कुछ एहसास में</div><div>कुछ
<div>दिल की बेबसी दिल से बयान करो</div><div>कुछ बातें इशारों इशारों से बयान करो</div><div>अगर कर सको
<div>रुखसत ए जिंदगी एक मंजिल तो देजा</div><div>मंजिल नहीं तो एक संगदिल ही देजा</div><div><br></div><
<div>रंगों का खेल है अजब इस दुनिया की महफिल में</div><div>दिल से काले वाले पसंद आते हैं</div><div>और
<div>कुछ और तस्वीर भेजो ना अपनी</div><div>तुम्हें तुमसे ज्यादा प्यार करना है</div><div><br></div><di
<div>इन दिलकश आंखों में इतना डूबे की होश ना रहा</div><div>इन प्यारी बातों में इतना घूमें की होश ना र
<div>प्रेम पुरुष को शिशु बना देता है</div><div>प्रेम स्त्री को मातृ बना देता है</div><div>प्रेम शून्
<div>प्यार करना है तो प्यार कीजिए</div><div>यूं ना कातिल नजरों से वार कीजिए</div><div>यूं ना दिल के
<div>सिर्फ जिस्मों की कहां है हम मर्दों की मोहब्बत</div><div>क्यों खुलेआम हमें बदनाम करते हैं</div><
जब पहली बार कोई शब्द नहीं था मेरे पास... तब भी वो मेरा प्यार ही पहूंचा था तुम तक ...!जब कई सारी शिकायतें होती थी तुमसे...तब भी वो मेरा प्यार ही रूठा था तुम से ...!जब बहुत सी बातें थी बतानी होती थ