shabd-logo

पैबद

26 सितम्बर 2016

238 बार देखा गया 238
"तुम्हारे चेहरे का ये तिल है ना , इसको देख देख कर मै अपनी पूरी जिन्दगी बिता सकता हूँ, तुम्हारे बिना नही जी पाऊँगा बस मुझे छोड के कभी मत जाना" मुग्धा के दिमाग मे अबीर के ये शब्द घूम रहे थे जब उसने पूरे कोलेज के सामने अपने प्यार का इजहार किया था l मुग्धा आइने के सामने जा कर खडी हो गई और अपने चेहरे पर मौजूद उस तिल को महसूस करने की कोशिश करने लगी l पर उसके जले हुए चेहरे पर ना ही वो तिल महसूस कर पा रही थी ना ही अबीर का प्यार l @रेनुका

रेनुका चिटकारा की अन्य किताबें

1

तारीफ

13 अगस्त 2016
0
1
0

...... .......तारीफो का मोह जालवो भी झूठी तारीफ़कब तक रमे रहोगे इस माया जाल मेउठो बाहर आओतोड़ दो इस कोफँस कर क्या पाया अपनी कबिलियत पर भरोसा नही क्याचढते जाओगेचने के झाड़ परफिर एक दिन अगर कोईबुराई करने वाला मिल गया तो सह नही पाओगेउबल जाओगे क्रोध की अग्नि मे"तेरी ये हिम्मत"यही सोच कर नीचा दिखान

2

जनम कुडली

9 सितम्बर 2016
0
1
0

घर पहुंचते ही पंडित जी को देख विनित उनको पहचान गया l आने क कारण पूछने पर पता चला कि माँ से घर मे शांति हवन करवाने का तय कर वो सामान की लंबी सूची देने आये थे l बहुत प्यार से प्रणाम कर विनित ने उन्हे जाने के लिये कहा , तो वो अपना झोला सम्भाल चल दिये l माँ ने गुस्सा करते हुए बोला ," क्यों भेज दिया तु

3

अधूरे सपने

15 सितम्बर 2016
0
0
0

अधुरे सपनेनारायण जी बहुत देर से कुसुम का हाथ पकड़ उनसे बाते कर रहे थे, " तुम्हे याद है ना हमने तय किया था , बच्चो की शादी के बाद मै और तुम घूमने जायेन्गे इतने साल इनकी जिम्मेदारी मे बिता दिये खुद के सपनो आशाओ को नजर अन्दाज कर दिया , अब वो समय आने ही वाला है भगवान की कृपा से बेटी अपने घर मे खुश है

4

अधूरे सपने

15 सितम्बर 2016
0
0
0

अधुरे सपनेनारायण जी बहुत देर से कुसुम का हाथ पकड़ उनसे बाते कर रहे थे, " तुम्हे याद है ना हमने तय किया था , बच्चो की शादी के बाद मै और तुम घूमने जायेन्गे इतने साल इनकी जिम्मेदारी मे बिता दिये खुद के सपनो आशाओ को नजर अन्दाज कर दिया , अब वो समय आने ही वाला है भगवान की कृपा से बेटी अपने घर मे खुश है

5

पैबद

26 सितम्बर 2016
0
1
0

"तुम्हारे चेहरे का ये तिल है ना , इसको देख देख कर मै अपनी पूरी जिन्दगी बिता सकता हूँ, तुम्हारे बिना नही जी पाऊँगा बस मुझे छोड के कभी मत जाना" मुग्धा के दिमाग मे अबीर के ये शब्द घूम रहे थे जब उसने पूरे कोलेज के सामने अपने प्यार का इजहार किया था l मुग्धा आइने के सामने जा कर खडी हो गई और अपने चेहरे

6

महतव

18 दिसम्बर 2016
0
1
0

महत्व या.....जरूरतघर की इकलौती औरत की असमय म्रत्यु के बाद परिवार के चारो मर्द बेहद मुश्किल मे थे l घर के सामान से ले कर रोटी बनाने कपडे धोने तक किसी भी विषय के बारे मे कुछ भी नही पता था lरिश्तेदार पडोसी सभी क्रियाकर्म के बाद से ही हर पहचान वाले, रिश्तेदारो ,पडोसियो की बेटियो के नाम सुझाने मे लगे

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए