घर पहुंचते ही पंडित जी को देख विनित उनको पहचान गया l आने क कारण पूछने पर पता चला कि माँ से घर मे शांति हवन करवाने का तय कर वो सामान की लंबी सूची देने आये थे l बहुत प्यार से प्रणाम कर विनित ने उन्हे जाने के लिये कहा , तो वो अपना झोला सम्भाल चल दिये l माँ ने गुस्सा करते हुए बोला ," क्यों भेज दिया तुमने , कितना मुश्किल समय चल रहा है तुम्हारी तबियत ओर काम धंधा दोनो ही ठीक नही चल रहे पंडित जी बोल रहे थे शांति हवन से सब ठीक हो जायेगा , मेरी बात तो कोई मानता ही नही"l माँ क गुस्सा देख विनित बडे प्यार से बोला ," मेरी प्यारी माँ, घर मे सुख शांति हवन से नही घर वालो के व्यवहार से आती है , और सुख दुख तो जीवन का हिस्सा है आता जाता रहता है , हमारा आपस का प्यार ही जीने की हिम्मत देता है l आपको याद नहीं इन्ही पंडित जी ने मेरी और शुभ्रा की कुंडली देख बोला था कि अगर ये शादी हुई तो मै साल भर मे मर जाऊँगा और शादी कि पंद्रह साल बाद भी हम साथ मे खुश हैं l विनित और शुभ्रा एक दूसरे को देख मुस्कुराने लगे l
@रेनुका
नई दिल्ली