एक लड़की को देखा तो...
जब मैंने पहली बार उसे देखा, वो एक सुहानी सुबह थी। स्कूल के गेट के पास वो खड़ी थी, सफेद स्कूल ड्रेस में, खुले बाल, और चेहरे पर मुस्कान लिए। उसकी आंखें मानो किसी जादू से भरी हों, जिनमें मैं खो गया था।
हमारे क्लास में एक नया प्रोजेक्ट शुरू हुआ था और हमें पार्टनर्स के साथ काम करना था। संयोग से, मुझे उसके साथ पार्टनर बनाया गया। उसका नाम निशा था। निशा न केवल खूबसूरत थी, बल्कि बहुत समझदार और मेहनती भी थी।
प्रोजेक्ट पर काम करते हुए, हम दोनों ने एक-दूसरे को बेहतर तरीके से जाना। उसकी बातें सुनते ही दिल खुश हो जाता था। उसकी हंसी मानो संगीत हो, और उसकी आवाज़ में एक खास मिठास थी।
हमारे प्रोजेक्ट के दौरान, हमने बहुत समय साथ बिताया। कभी लाइब्रेरी में किताबों के बीच, तो कभी स्कूल के बगीचे में। धीरे-धीरे, हमारे बीच दोस्ती गहरी होती गई।
एक दिन, जब हम प्रोजेक्ट की तैयारी के बाद बगीचे में बैठे थे, निशा ने अचानक पूछा, "तुम्हें कभी किसी से प्यार हुआ है?" उसके इस सवाल पर मैं चौंक गया। मैंने थोड़ी हिचकिचाहट के बाद कहा, "शायद हां, पर मुझे खुद नहीं पता।"
उसने मुस्कुराते हुए कहा, "प्यार वो होता है जब आप किसी के बिना अपनी जिंदगी की कल्पना भी नहीं कर सकते।" उस समय मुझे समझ आया कि शायद मैं निशा से प्यार करने लगा हूं।
समय बीतता गया, और हमारा प्रोजेक्ट खत्म हो गया। लेकिन हमारी दोस्ती और गहरी हो गई। एक दिन, मैंने हिम्मत जुटाकर उसे अपने दिल की बात कह दी। निशा ने मेरी बात सुनकर थोड़ी देर चुप रही, फिर मुस्कुराकर कहा, "मैं भी तुमसे प्यार करती हूं।"
उस दिन से, हमारी कहानी एक नए अध्याय में बदल गई। हम दोनों ने एक-दूसरे का साथ निभाने का वादा किया और जिंदगी की हर मुश्किल को मिलकर सामना करने का संकल्प लिया।
और इस तरह, एक लड़की को देखकर मेरी जिंदगी बदल गई। निशा मेरी ज़िंदगी में एक नया उजाला बनकर आई, जिसने मुझे प्यार का असली मतलब सिखाया।