थोड़ा अधूरा है।सूरज निकला एक नई सुबह के लिए, चाँद रहा रात में ठंडक के लिए।नीले आसमान में तारे चमके खुद की सुंदरता दिखाने के लिए।नदियाँ बहती है इंसान संग धरती की प्यास बुझाने के लिए।विडम्बना है समाज के लिए यह राज नेता बने कीसके लिए।आत्मनिर्भर बनना आत्मसमान के लिए गोली खाई फाँसी खाई भारत की शान के लिए।
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में हैदेखना है ज़ोर कितना बाज़ुए-क़ातिल में हैवक़्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आसमाँहम अभी से क्या बताएँ क्या हमारे दिल में हैसरफ़रोशी की...देख फाँसी का ये फंदा ख़ौफ़ से है काँपताउफ़्फ़ कि जल्लादों की हालत भी बड़ी मुश्किल में हैनर्म स्याही से लिखे शेरों की बातें चुक गईंइ
नई दिल्ली: 1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन को नागपुर जेल में आज सुबह फांसी दे दी गई है। जेल सूत्रों के मुताबिक, 9 लोगों के सामने याकूब को फांसी दी गई। अपनी खबर में बताएगें कि सिर्फ सुबह के वक्त ही फांसी क्यो दी जाती है। फांसी देते वक्त उसके परिजन वहां क्यों नही होते या फिर फांसी देते वक