गृहस्थ जीवनमें प्रवेश के उपरान्त प्रथम कर्त्तव्य के रूप में गर्भाधान संस्कार का हीमहत्त्व है |क्योंकि गृहस्थ जीवन का प्रमुख उद्देश्य श्रेष्ठ सन्तान की उत्पत्ति है | अतः उत्तम सन्तान की कामना करने वाले माता पिता को गर्भाधान से पूर्वअपने तन और मन दोनों को पवित्र तथा स्वस्थ रखने