गीता हिन्दुओ का एक पवित्र ग्रन्थ है , शायद ही कोई ऐसा हिन्दू हो जो गीता के विषय में न जानता हो . १००प्रतिशत हिन्दू इस ग्रन्थ की पूजा करते है . गीता के सार को जानने वालो की संख्या भी कम नहीं है , ९० प्रतिशत हिन्दू सड़क पर बिकने वाले पोस्टर या मंदिर , धर्मशाला , इतियादी स्थानो पर लिखे को पढ़कर गीता के सर को जानते है , किसी भी हिन्दू से बात करो , क्या तुम गीता को जानते हो तो शायद वो तुम्हे गुस्से से घूरे का क्यों नहीं जानते , हम हिन्दू है गीता को नहीं जानेंगे . गीता में कृष्ण भगवान ने कहा है की किया साथ लाये थे क्या साथ लेजाओगे , जो लिया यही लिया जो दिया यही दिया शरीर तो आत्मा का वस्त्र है , आत्मा अजर अमर है न उसे कोई जला सकता है न काट सकता है जल उसे भिगो नहीं सकता वायु सुखा नहीं सकती , जब जब धर्म का नाश होता है मै आता हु , साधुओ की रक्षा के लिए पापियो के नाश के लिए . ये गीता सार हर हिन्दू के मुह से सुना जा सकता है . इतना जानने पर हर हिन्दू मानता है की वो गीता के विषय में जानता , समझता है . ५० प्रतिशत ऐसे मिल जायेगे जिन्होंने गीता को पढ़ा होगा कभी ना कभी परन्तु गीता का पाठ रोज करनेवाले शायद १ प्रतिशत भी ना हो . गीता को संपूर्ण समझने वाला तो कोई बिरला ही होगा हजारो लाखो में एक , और गीता को अपने जीवन में ढाल लेने वाला शायद ही कोई मिले , फिर भी हम गर्व करते है की गीता हमारे हिन्दुओ का पवित्र ग्रन्थ है और इसमें जीवन की सचाई लिखी है .गीता को जानना एक बात है पढ़ना दूसरी , समझाना बहुत मुश्किल है तो जीवन में ढाल लेना ?क्या हमें गीता पर गर्व करना चाहिए या समझना उस के बताये मार्ग पर चलना चाहिए या सिर्फ प्रतिदिन पाठ करना ?मंदिर में गीता पर प्रवचन देनेवाले कितने स्वंयम गीता के मार्ग पर चलते है . राम मंदिर या कृष्ण मंदिर बनाने वाले कितने लोग उनके बताये मार्ग पर चलते है ?हर जगह धर्म की बात हो रही है फिर भी शांति नहीं है , शांति पाठ पढ़ा जाता है ग्रहो की शांति की पूजा की जाती है फिर भी शांति नहीं है . शांति ना होने का कारण क्या है . शांति ,शांति करते है फिर भी शांति नहीं होती . मंदिर जाते भी है परशाद चढ़ाते भी है भगवान के सामने अपनी फरमाइशें रखते भी है , और शाम को टीवी पर OMG, PK जैसी फिल्म देखकर हँसते भी है .यहाँ पता चलता है की हमारी कथनी और करनी में कितना फर्क है . गीता के मार्ग पर चलने से पहले गीता के विषय में जानना होगा . चलिए पहले गीता को जानने की कोशिश करते है .