मजदूर दिवस पर एक ग्ज़ल।
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( मजदूर दिवस पर )मन्ज़िलों से दिल मेरा अन्जान है,मुश्किलों से सदियों से पहचान है।पैरों ने थमना नहीं सीखा कभी, अपने छालों पर मुझे अभिमान है।बेरहम है रौशनी की हर हवा,तीरगी में ज़िन्दगी आसान है।लौट आ