हास्पिटल जनित समस्याएँ ( कहानी तीसरी क़िश्त)
इतने में ही दीपक जी और इंदू जी ड्राइंग रूम में प्रवेश करते नज़र आए। सुलेमान ने उन्हें नमस्ते करते हुए अपना परिचय दिया और अन्य बातों को ताक पर रखकर वह ड्राइंग रूम में टंगी फोटोग्राफ की बातें करने लगा ।जवाब में इंदू जी ने कहा कि यह ऐश्वर्या के जनम के समय की फोटो है। उसे वार्ड की नर्स ने गोद में उठाया हुआ है । उस नर्स का नाम मैं भूल रही हूं पर मुझे यह याद है कि वह एक मुसलमान नर्स थी । यह बात है रायपुर स्थित मेकाहारा हास्पिटल की जहां ऐश्वर्या का जन्म हुआ था । तब सुलेमन ने कहा कि मैं फ़ारूख का बड़ा भाई हूं । ऐश्वर्या और फ़ारूख संबंधित रिश्तों की बातें जब मेरे तक पहुंची तो मैं आप लोगों से आपके विचार जानने आया हूं । जवाब में दीपक जी ने कहा कि वैसे तो हमारी दिली आपत्ति नहीं है , पर कुछ संगठनों का हम पर जब दबाव पड़ने लगा तो हम भी सोचने पर मजबूर हैं कि आखिर हम क्या करें ? इतना सुनने के बाद फ़ारूख़् भी उनकी बातें व समस्या में हां में हां मिलाते हुए अपने घर लौट आया ।
घर आकर सुलेमान ने अपनी अम्मी को बताया कि वहां आपकी एक फोटो टंगी है । जिसमें आपने नवजात ऐश्वर्या को अपनी गोद में उठाया हुआ है । क्या आप नर्सिंग का काम रायपुर में भी किया है ? जवाब में सलमा ने कहा हां बेटा मैं शादी के शुरवाती 5 सालों तक रायपुर के मेकहारा हास्पिटल में बतौर नर्स काम किया है। वहां मेरी पोस्टिंग डेलिवरी वार्ड में ही थी । उस वक़्त वहां एक ट्रेन्ड था कि जिस नर्स की सहायता से किसी के बच्चे का जन्म होता था तो उस नर्स की गोद में रखकर उस नवजात की फोटो खींची जाती थी । फिर सलमा ने सुलेमान से पूछा अच्छा ऐश्वर्या के मम्मी पापा का क्या नाम है? तो सुलेमान ने कहा कि उनकी मम्मी का नाम इंदू गुप्ता और पापा का नाम है दीपक गुप्ता । इतना सुनते ही सलमान की अम्मी सलमा को चक्कर आने लगे और 2 मिन्टों में ही भरभराकर ज़मींन पर गिर गई । यह देखकर सुलेमान घबरा गया और अपनी मम्मी के चेहरे पर पानी की बूंदों का छिड़काव किया तो वह जल्द ही होश में आ गई । होश में आने कबाद वह सुलेमान से कहने लगी कि बेटा मैंने अपनी ज़िन्दगी में एक बहुत बड़ा गुनाह किया है । मैं इन्दू जी और तेरा भी गुनहगार हूं । आज वो वक़्त आ गया है कि अपने उस अपराध के बारे में खुलासा करके अपने दिल के बोझ को कम करूं । उसके बाद तुम लोग जो भी सज़ा दोगे भुगतने को तैयार हूं ।
वास्तव में इन्दू जी ने दो बच्चों को जन्म दिया था । जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था । सब कुछ मेरी ही देख रेख में संपन्न हुआ था । रात के एक बजे उनकी डेलिवरी संपन्न हुई थी और उस समये डेलिवरी रूम में सिर्फ़ मैं ही ड्युटी पर थी । उन दो शिशुओं में से एक लड़की थी और एक लड़का था । चूंकि हमारी शादी को हुए 5 साल हो चुके थे और हम किसी बच्चे के वालिदैन नही बन पाए थे । जिसका गम मुझे हर वक़्त सताता रहता था । अत; मेरे मन में पाप आ गया और मैंने उन दो बच्चों में से लड़के को छिपाकर घर ले आई और इन्दू जी के हक में एक लड़की की पैदायशी के बारे में रजिस्टर में एन्ट्री करके सारी सरकारी फ़ार्मिलिटिस पुरी कर ली । चूंकि इन्दू जी की डेलिवरी के समय डेलिवरी रूम में अकेली थी अत: मेरे सिवाय कोई नहीं जान सकता था कि इन्दू जी ने दो शिशुओं को जन्म दिया है । लेकिन इन्दू जी को बताते वक़्त मेरे मुंह से धोखे से निकल गया कि तुम्हें लड़का हुआ है । हालाकि रिकार्ड में मैंने लड़की के बारे में ही लिखा था । मैं अगले दिन ही दिल्ली होते हुए दुबई चली गई थी । उस समय तुम्हारे अब्बू दुबई में ही काम करते थे । अत: मुझसे ज्यादा पूछ ताछ हो न सकी। आज मैं तुमसे माफ़ी मांगते हुए यह खुलासा कर रहीं हूं कि जिस लड़के को मैंने स्वार्थ वश इन्दू जी की गोद से छीन लिया था और अपने गले से लगा लिया था , वह लड़का सुलेमान तुम हो । यानी तुम और एश्वर्या जुड़ुवा भाई बहन हो । तुम्हें अपना बेटा बनाने के दो साल बाद मैं गर्भवति हुई और फ़ारूख का जन्म हुआ ।
यह सब सुनते ही सुलेमान सन्न रह गया । फिर उसकी आंखें झर झर के बहने लगीं । उसके बाद उसने अपनी अम्मी सलमा को गले लगाकर कहने लगा कि अम्मी तुमने परिस्थिति वश जो किया वह सही है गलत इससे मुझको कुछ लेना देना नहीं है । पर तुमने मुझे अपना बनाकर मुकम्मल तौर से मेरा लालन पालन किया और मुझे क़ाबिल बनाया उसके लिए मैं तुम्हारा शुक्रगुज़ार रहूंगा । आज मेरी दुविधा यह है कि अपनी जननी मता और अपने जन्मदाता पिता के प्रति मेरा व्यौहार कैसा होगा । साथ ही अपनी जुड़वा बहन ऐश्वर्या के प्रति मेरी ज़िम्मेदारी क्या रहेगी ? आज की तारीख में मैं इस देश में एक मुस्लिम स्कालर के रूप में जाना जाता हूं पर अभी आपसे मुझे पता चल रहा है कि मैं एक हिन्दू माता पिता का बेटा हूं ।
( क्रमशः)