परिवार की गौरव होती हैं बेटियाँँ।
पिता के लिए उनकी पगड़ी होती हैं बेटियाँ।
मां की शक्ति होती हैं बेटियाँँ।
भाईयों की सुरक्षा कवच होती हैं बेटियाँ।
बहनों की जान होती हैं बेटियाँ।
अपने ही घर से परायी सी होती हैं बेटियाँ।
लक्ष्मी रूपी अवतार होती हैं बेटियाँ।
सौभाग्य से जन्म लेती हैं बेटियाँँ।
घर की धनलक्ष्मी होती हैं बेटियाँ।
हर रिश्ते को बखुबी निभाती हैं बेटियाँ।
इंसाफ की लड़ाई स्वयं लड़ती हैं बेटियाँँ।
अपनी हर खुशी को त्याग कर देती हैं बेटियाँ।
भविष्य की नयी सबेरा होती हैं बेटियाँँ।
जीवन के हर क्षेत्र मे अपनी पहचान बनाती हैं बेटियाँँ।
सब कुछ छोड़ खुशी-खुशी विदा ले लेती हैं बेटियाँ।
ससुराल की भाग्यलक्ष्मी होती हैं बेटियाँँ।
पति की अरधांगिनी होती हैं बेटियाँ।
सास-ससुर को मां-बाप के समान पूजती हैं बेटियाँँ।
ससुराल के हर रीति-रिवाज का पालन करती हैं बेटियाँँ।
भगवान की छवि होती हैं बेटियाँँ।
अधर्म के खिलाफ आवाज़ उठाती हैं बेटियाँँ।
खुद के अंदर छुपी वीर शक्ति से अनजान होती हैं बेटियाँँ।
धार्मिक रूप की शोभा होती हैं बेटियाँँ।
महाशक्ति की अनेक रूप होती हैं बेटियाँँ।
बेटी से लेकर एक मां तक का सफर तय करती हैं बेटियाँँ।
अपने ही बच्चों को सही मार्ग दिखाती हैं बेटियाँँ।
जिंदगी मे हर दुख झेलती हैं बेटियाँँ।
समाज की नजरों मे नीची होती हैं बेटियाँ।
समय आने पर समाज मे अलग चुनौती लाती हैं बेटियाँ।
जिंदगी को जीने का हर हल खोज लेती हैं बेटियाँँ।
जादू की पोटली होती हैं बेटियाँ।
बड़ी ही खूबसूरत होती हैं बेटियाँ।
जहां से जन्मीं उसी मे समा जाती हैं बेटियाँँ।
इसलिए सबसे अलग होती हैं बेटियाँँ।
*रचना* *शाही*
*गोरखपुर*