नई दिल्ली। अमृतसर रेल हादसे के बाद रेलवे और स्थानीय प्रशासन पर कई सवाल उठ रहे हैं। इनमें सबसे बड़ा सवाल यह है कि ट्रेन क्यों नहीं रोकी गई? ट्रेन धीरे क्यों नहीं की गई? रेलवे को जानकारी थी या नहीं? इन सभी सवालों का जवाब सिलसिलेवार तरीकों से फिरोजपुर के डीआरएम विवेक कुमार न
नई दिल्ली। शुक्रवार को दशहरा के मौके पर अमृतसर में हुए भयानक रेल हादसे में 61 लोगों की मौत हो गई। जौड़ा फाटक के नज़दीक ही आयोजित किए गए रावण दहन के कार्यक्रम के दौरान ट्रेन की चपेट में आए सैकड़ों लोगों में मृतकों के अलावा कई लोग घायल भी हुए। पूरी घटना को करीब तीन दिन होने
अमृतसर हादसा: पंजाब के अमृतसर में दशहरे पर बड़ा हादसा हो गया. रावण दहन के दौरान मची भगदड़ के कारण 61 लोग ट्रेन से कट गए. वे रेल की पटरी पर थे और रेल इतनी रफ्तार में आई कि वे संभल भी नहींसके. घटना में 150 से ज्यादा लोग घायल हैं. हादसे की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पटरी के करीब 20
अमृतसर, जिसका अर्थ है दिव्य अमृत का पवित्र पूल। सिखों के चौथे गुरु, गुरु रामदास द्वारा बसाये गए इस पवित्र शहर को भारत में सबसे प्रसिद्ध सिख तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है। अमृतसर सिख धर्म का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र है। यह स्थान अपने जलियांवाला बाग नरसंहार और वाघा सीमा से इसकी निकटता के