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मनीष कुमार

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अगर मैं आपसे कहूं कि आगरा में एक नहीं, बल्कि दो ताजमहल हैं तो शायद आप मेरी बात पर विश्वास ना करें, लेकिन ऐसा है. आगरा में संगमरमरी ताजमहल से थोड़ी दूरी पर एक लाल ताजमहल भी मौजूद है. यकीनन आप में से बेहद कम लोग ही इस लाल ताजमहल के बारे में जानते होंगे. दोनों ताजमहल को बनवाने के पीछे कारण एक से ही थे. मतलब, जिस तरह से शाहजहां ने अपनी बेगम की याद में ताजमहल को बनवाया था, ठीक उसी तरह 213 साल पहले एक डच अंग्रेज अफसर कर्नल जॉन विलियम हैसिंग की पत्नी ने लाल ताजमहल का निर्माण अपने पति की याद में करवाया था.लाल ताजमहल के नाम से पहचानी जाने वाली ये इमारत आगरा में ईसाई कब्रिस्तान के बीच में बनी हुई है, जो आगरा-मथुरा रोड, भगवान टॉकीज के पास मौजूद है. भारतीय पुरातत्व विभाग इसका संरक्षण करता है. मुगल सम्राट शाहजहां की तरह कर्नल की पत्नी के पास पैसा और शोहरत नहीं थी, यही कारण है कि उसने इस ताजमहल को लाल पत्थरों से बनवाया. वैसे रंग छोड़कर कई मामलों में ये मकबरा ताजमहल जैसा है.कहा जाता है कि कर्नल जॉन विलियम हैसिंग श्रीलंका में एक फौजी जीवन जीने आया था. और तो और उसने 1765 के मशहूर कैंडी युद्ध में भी भाग लिया था. इसके बाद हैदराबाद के निज़ाम की खिदमत में भी रहा. 1784 में मराठा सरदार महादजी सिधिंया की सेना में आ गया और उनके साथ काफी वक़्त तक पूना में रहा.महादजी की मौत के बाद हैसिंग आगरा आ गया. 1803 में उसकी मौत हो गई. हैसिंग की पत्नी उससे बेइंतहा प्यार करती थी और इसीलिए उसने अपने पति की याद में इस इमारत को बनवाया था. कहा तो यह भी जाता है कि किले पर अंग्रेजों के कब्ज़े के बाद उसके बच्चों ने इसका निर्माण कराया था. इस इमारत का निर्माण करवाते वक़्त काफी हद तक ताजमहल की नकल की गई है.इसे एक 58 फीट लंबे-चौड़े चबूतरे पर बनाया गया है. साथ ही ताजमहल की तरह ऊंची-ऊंची मीनारें भी बनवाई गईं हैं. बीच में ताजमहल की तरह ही एक गोल गुम्बंद भी बना हुआ है. लाल ताजमहल में एक तहखाना भी है. तहखाने के अंदर असली कब्र है. ये इमारत खुद एक कब्रिस्तान के बीच में बनी हुई है. इसके चारों ओर अंग्रेजी शासनकाल के दौरान आगरा में रहे अंग्रेज अफसर और उनके परिवार वालों की कब्रें बनी हुई हैं.वैसे सोचने वाली बात ये है कि इतने सालों बाद भी ये ताजमहल गु 

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