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इस आईने में खुद को देखें

6 अक्टूबर 2019

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ये तीन कहानियां ज़रूर पढ़िए🙏

(1)

सोचिए ज़रा....

आपकी नई-नई शादी हुई और बहुत प्यारी सी लड़की को आपने पत्नी के रूप में पाया। शादी के दो-तीन साल बाद आपकी पत्नी ने एक बेटी को जन्म दिया। बहुत मासूम, बहुत प्यारी बेटी। बिल्कुल परियों की तरह दिखने वाली। जो आपकी जान बन चुकी है। पूरे घर की रौनक है वो और सबकी लाडली।

आप हर वक्त उसे गोद में लेकर घूमते हैं, और ग़ुरूर से सबको बताते हैं कि ये आपकी बेटी है।

धीरे-धीरे आपकी बेटी बड़ी हुई.. उसने चलना सीखा, बोलना सीखा.. उसने आपको पहली बार कहा 'पापा'..

आप खुशी से चहक रहे हैं.. फिर और कुछ साल बीते वो अब स्कूल जाती है। अपनी क्लास में अव्वल आती है। आपको गर्व है कि वो आपकी बेटी है।

वो आसमान को छूना चाहती है, चाहती है कल्पना चावला की तरह दूर आसमान में उड़ना.. चाहती है मैरीकॉम बनना, इंदिरा गांधी की तरह देश को संभालना।

की अचानक उसके पर कतर दिए गए। किसी बहसी दरिंदे ने उसकी अस्मत को कुचल दिया, उसके सपने रौंद दिए.. वो चीख रही है, रो रही है.. उसके पास अब सपने देखने का भी हक़ नहीं। आपको पता है उसकी कोई ग़लती नहीं है। आप जानते हैं वो आज भी आपकी वही प्यारी गुड़िया है.. लेकिन समाज, समाज का क्या.. वो तो उसके ही किरदार पर ऊँगली उठाएगा.. आप उसे गले लगा लेते हैं, कहीं छुपा देना चाहते हैं, चाहते हैं कि उसे टूटे अरमानों के काँच और ना चुभें, लेकिन आप कितनी भी कोशिश कर लें आप कुछ नहीं कर पा रहे हैं.. वो रोती चीखती रहती है आप कुछ नहीं कर पा रहे..

वो अवसाद में जा रही है आप कुछ नहीं कर पा रहे...

वो ज़िन्दगी से हार मानने लगी है, आप सब देख रहे हैं मगर कुछ नहीं कर पा रहे....


क्या हुआ? अब आप उसके किरदार पर, कपड़ों पर सवाल नहीं उठाएंगे..

अचानक आपकी नज़र में उस दरिंदे की मानसिकता खराब हो गयी..

......


चलिए अब दूसरी कहानी पढ़िए....

(2)


इस कहानी में भी आप एक नन्हीं परी के पापा हैं.. बहुत खूबसूरत आँखों वाली, हँसती है तो पूरा घर चहकने लगता है.. चारों ओर पापा.... पापा... की गूंज सुनते हैं आप....

आपकी बेटी ही आपकी दुनिया है.. आप उसे गोद में उठा जोर से हवा में ऊपर उछालते हैं, और वो चहक कर कहती है पापा और ऊपर.....

और आप हर बार और ऊपर की कोशिश करते हैं, और उसकी खिलखिलाहट और बढ़ जाती है..

दिन बीतते गए, और हर बीतते दिन के साथ आपकी बेटी बड़ी होती गई.. वो बहुत खूबसूरत युवती बन गयी है.. अपने पैरों पर भी खड़ी हो गयी है.. आप चाहते हैं कि उसके योग्य किसी अच्छे लड़के से उसकी शादी करना..

तभी अचानक आपको पता चला आपकी बेटी अस्पताल में है.. ज़िन्दगी और मौत से लड़ रही है। आपको डर लग रहा है.. आपका वो खूबसूरत अतीत आपकी आँखों के सामने चारों और घूम रहा है.. हर तरफ एक ही गूंज है..

पापा...... पापा......

आप अस्पताल पहुँचे.. पता चला कि किसी लड़के ने उसके चेहरे पर तेजाब फेंका है, बेटी का कोई कुसूर नहीं है। उसने आपकी बेटी से प्यार का इज़हार किया था.. और आपकी बेटी ने एक अच्छी बेटी के तौर पर इंकार कर दिया था। बस इतनी सी बात थी।

आपकी बेटी के चहरे से पट्टियां निकाली गयी, और हर तरफ चीख सुनने को मिलने लगी।

आप एक कोने में खड़े हिम्मत ही नहीं जुटा पा रहे उसके पास जाने की, उससे कहने की.. कि बेटा सब ठीक है, कुछ नहीं हुआ.. आप रो रहे हैं, और वो अभी भी सदमे में है..

आप डर रहे हैं की कहीं वो अपना चेहरा ना देख ले.. लेकिन कब तक..?

आप उसे पुचकार रहे हैं, लाड़ कर रहे हैं, लेकिन उसकी पीड़ा को आप कितना भी कम करने की कोशिश कर लें, आप नहीं कर पा रहे..

वो सोती है तो डर से कांप कर उठ जाती है, जागती है तो लोगों की बातें उसे हर वक़्त चुभती हैं..

वो आपकी तरफ देख रही है जैसे कह रही हो पापा मेरी ग़लती नहीं थी। फिर ये सजा क्यों, फिर ये ताने क्यों..

मुझे वापस वही छोटी बच्ची बना दो ना पापा.....

आप खामोशी से अपनी बेबसी पर आँसू बहा रहे हैं..

....


अब आप क्या करेंगे?? मोमबत्ती लेकर धरना करेंगे.. मगर कितने दिन??


अब अंतिम कहानी पढ़िए..


इस बार आप एक बेटे के पिता हैं.. आपका बेटा, आपकी जान है.. बहुत नाजों से आप उसको पाल रहे हैं.. उसे हर संभव एक अच्छी परवरिश दे रहे हैं.. वो अपनी छोटी उंगलियों से आपको पकड़ने की कोशिश करता है..

आप भी कभी उसे प्यार से चूम लेते हैं तो कभी बाहों में ले लेते हैं.. वो दिन भर कूदता-भागता रहता है.. और आप उसके पीछे-पीछे..

जैसे-जैसे वक्त बीत रहा है.. वो भी बड़ा होता जा रहा है..

और देखते-देखते वो एक नवयुवक बन गया है..


....

अब ज़रा सोचिए आपको किसी दिन पता चले कि आपके बेटे ने किसी लड़की की अस्मत को कुचल दिया..

या उसकी खूबसूरती, उसके अरमान, उसका आत्मविश्वास सब रौंद दिया.. वो एक बहसी-दरिंदा बन चुका है..


क्या हुआ चुभा.. बेशक चुभे, क्योंकि चुभना चाहिए....


शायद इसे पढ़ने के बाद आपको थोड़ा तो पता चल ही गया होगा कि लड़कियों पर उनके चरित्र पर एक महापुरुष बनकर सवाल उठाना कितना आसान है.. कितना मुश्किल है किसी लड़के को ग़लत ठहराना..

कुछ वक्त पहले एक वीडियो देखी थी, किसी ट्रैन में बैठे एक अधेड़ उम्र के महाशय सामने बैठी लड़की की तरफ बड़े ही भद्दे तरीके से गंदे इशारे कर रहे थे। उनमें शर्म लेशमात्र भी नहीं थी। लड़की ने उनकी वीडियो बना कर सोशल साइट पर शेयर कर दिया था।

....

'आपकी बेटी' ये लिखकर इस कहानी को इसलिए लिखा है क्योंकि वो सभी लोग जो बाहर जाकर इस तरह की नीच हरकतें करते हैं, वो कृप्या अपनी बेटी या बहन का ख्याल अपने दिमाग में रखें। याद रखें कि किसी ऐसी ही लड़की आपकी कलाई पर राखी बाँधती है, जिससे आप बहुत प्यार करते हैं..

ऐसी ही एक प्यारी बेटी आपकी भी है, जिसके लिए आप जी रहे हैं।

...


वो आग जो आपके सीने में किसी घटना के घटित होने के बाद तीन-चार दिन तक जलती है उसे तब तक जला कर रखिये जब तक किसी भी मासूम के साथ होने वाली ये घटनाएं पूरी तरह से बंद ना हो जाएं।


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