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इश्क़ करना नहीं

25 फरवरी 2022

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इश्क़ पर तुम किताबें लिखे जा रहे हो।

मशवरा है मेरा इश्क़ करना नहीं।

दर्द काग़ज़ पे अपने लिखे जा रहे हो।

मशवरा है मेरा दर्द कहना नहीं।


मुस्कुराने की उनकी अदब देखिए तो।

देखकर यूँ ही ख़ुद से फिसलना नहीं।

लाख कह लें तुम्हें, तुम हो मेरे लिए।

मुस्कुराकर कभी सर झुकाना नहीं।


चाँद तारों की बातें वो बेशक करें।

अपने अँजुली पे सूरज उठाना नहीं।

हमसफ़र हैं वो बस कुछ सफ़र के लिए।

हर सफ़र अपने दिल को जलाना नहीं।


बह रही है हवा मौसमी चारों ओर।

इन हवा में दुपट्टा उड़ाना नहीं।

हैं फिसलती निगाहें ज़मीं पे यहाँ।

पाँव कीचड़ से अपने सजाना नहीं।


जब भी बारिश की बुँदे भींगाए तुम्हें।

रो कर आँखों का पानी छिपाना नहीं।

हो मोहब्बत तनिक इस धरा से तुम्हें।

कड़कड़ाती बिजलियाँ गिराना नहीं।


भेजता हूँ बता क्या रज़ा है तेरी।

चिट्ठियों का भी अब तो ज़माना नहीं।

तोड़ दो तुम भले उस क़लम की ज़ुबाँ।

कोरे काग़ज़ पे गुस्सा दिखाना नहीं।

इश्क़ पर तुम किताबें लिखे जा रहे हो।

मशवरा है मेरा इश्क़ करना नहीं।

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