ढांढस बन्हाई के जोहाई समुझाई के त शक्ति के भान उ करउलैं जमवंता ।
साहस न बाटे केहू तोहरा के रोके टोके छेके डाँड़ डहरी हो चाहे भगवंता ।
सिया सुधि लेहि आवा देरी ना लगावा त ले सगरे प पुल दु बनइहें अभियंता।
पवन क पूत रउआ शिव जी क अंश बानी सूरज के तेज लबरेज हनुमंता ।