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साहब

8 फरवरी 2022

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इन वर्दियों में कौन से धागे लगाते हैं ।

गर्मियां वे  बस गरीबों पर दिखाते हैं ।

ठेलों  से  उठा  लेते  हैं वो  अंगूर के दाने ।

जैसे बाप का हो माल वैसे हक जताते हैं ।

सरपट बैठ जाते हैं दरोगा पांव में जाकर ।

इन्हें  सफेद  धागे  से  बने  कुर्ते नचाते हैं ।

गलतियां मुफ़लिस की थी हक मांगने आया ।

हर  इतवार  अब  साहब उसे थाने बुलाते हैं ।

गांधी की टंगी तस्वीर थाने मुस्कुराती है ।

गालियाँ साहब की उनको गुदगुदाती है ।

✍️ धीरेन्द्र पांचाल

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30 जनवरी 2022
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साहब

8 फरवरी 2022
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इन वर्दियों में कौन से धागे लगाते हैं । गर्मियां वे  बस गरीबों पर दिखाते हैं । ठेलों  से  उठा  लेते  हैं वो  अंगूर के दाने । जैसे बाप का हो माल वैसे हक जताते हैं । सरपट बैठ जाते हैं दरोगा पांव में जा

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श्रृंगार

19 फरवरी 2022
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25 फरवरी 2022
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11 मार्च 2022
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तेरे ख्वाबों के सहारे

14 मार्च 2022
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8 अप्रैल 2022
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तेरी ये बचकानी बातें , तेरी वो बचकानी बातें ।।हर रोज जगाया करती मुझको वो शैतानी बातें ।तेरी ये बचकानी बातें ……… हंसना और शर्माना तेरा करती दिल पे घातें ।पीछे मुड़ फिर आगे बढ़ती हो जाती बरसातें ।जुल्फ

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पटरा पे चदरा बिछाय जालें सुती ।खाए के नून भात मरचा आ रोटी ।जिनिगी गरीब के अस होरहा भुजाता ।त रामे क बरखा ह रामे क छाता ।।मजूरे क देह मेह मारेला तान के ।सेतिहा क हइये बा जांगर किसान के ।पांजर में कांकर

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एहर लालू कचालू खियउले हवें ।खाली मोदी जी चाय पे बझउले हवें ।चला साढ़ू भाई ।चला साढ़ू भाई सढ़ूआईन लेहलस बोलाय ,चला साढ़ू भाई ।चला साढ़ू भाई सढ़ूआईन लेहलस बोलाय ,चला साढ़ू भाई ।मंतरी बनब ना हम संतरी बनब ।हम तो

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