इश्क पर ज़ोर नहीं, ये तो सुना था,
इश्क पर सबका ज़ोर, नहीं सुना था.
इश्क हमने किया परेशान दुनिया है,
परेशान हम भी तो इस दुनिया से है.
ज़िंदगी मेरी किसी की अमानत तो नहीं,
मेरी ज़िंदगी अपनी जागीर समझ बैठे है.
ख़ुद इश्क के क़ाबिल नहीं जो लोग,
आशिकों को गुनहगार समझ बैठे है.(आलिम)