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ईश्वर ने हमें क्यों बनाया ?

29 अक्टूबर 2015

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इस सृष्टि में सर्वत्र व्याप्त अद्बुत नियमितता पर एक दृष्टिक्षेप ही काफ़ी है किसी महान नियंता की सत्ता को प्रमाणित करने के लिए | यह हस्ती इस परिपूर्णता से काम करती है कि वैज्ञानिक भी उसके शाश्वत नियमों को गणितीय समीकरणों में बांध पाएँ हैं | यह महान सत्ता प्रकाश वर्षों की दूरी पर स्थित दो असम्बद्ध कणों को भी इस सुनिश्चित रीति से गति प्रदान करती है कि गुरुत्वाकर्षण के सार्वभौमिक सिद्धांत का कभी भी अतिक्रमण नहीं हो सकता है | वैज्ञानिक जानते हैं कि दो दूरस्थ कण गुरुत्वाकर्षण के नियमानुसार निकट आते हैं – परन्तु वह क्या कारण है जो उन्हें पास आने और योजनाबद्ध तरीके से सम्मिलित रूप में गतिमान होने की प्रेरणा देता है – यह बताने में वैज्ञानिक भी समर्थ नहीं हैं | इस ब्रह्माण्ड को चलाने वाले ऐसे अन्य अनेक सिद्धांत हैं जिन में से कुछ के गणितीय समीकरणों को आधुनिक वैज्ञानिक बूझ पाएँ हैं, परन्तु अभी भी असंख्य रहस्य विस्तार से खोले जाने बाकी हैं |अलग-अलग लोग इस हस्ती को अलग-अलग नामों से बुलाते हैं | वैज्ञानिकों के लिए यह ‘सृष्टि के नियम’ हैं, मुसलमान उसे ‘अल्लाह’ तथा ईसाई ‘गौड’ का नाम देते हैं | और ‘वेद’- विश्व की प्राचीनतम पुस्तक उसे अन्य अनेक नामों के साथ ही ‘ओ३म्’ या ‘ईश्वर’ कहती है |किसी संकीर्ण मनोवृत्ति के अदूरदर्शी एवं छिद्रान्वेषी व्यक्ति को यह संपूर्ण जगत पूरी तरह निष्प्रयोजन लग सकता है, जो सिर्फ घटनाओं के आकस्मिक संयोग से उत्पन्न हुआ हो | अब यह अलग बात है कि उसका इस नतीजे पर पहुँचना ही यह प्रमाणित कर रहा है कि  वह इस आकस्मिकता में भी नियमितता और उद्देश्य को खोजना चाहता है | बहरहाल, हम इस लेख में उसकी अवास्तविक सोच की चीरफाड़ नहीं करेंगे | हम यहां इस मौलिक प्रश्न पर विचार करेंगे जो कि इस विलक्षण विश्व के सौंदर्य और विचित्रताओं को देखकर अधिकतर यथार्थवादी (अज्ञेयवादी + आस्तिक) व्यक्तिओं के मन में उदित होता है – ईश्वर / गौड / अल्लाह ने हमें क्यों बनाया?


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गाय एक पशु नही,वो हमारी माँ है

21 अक्टूबर 2015
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बीफ पर बवाल🐄 एक मार्मिक अपील 🐄 👉 कृपया अवश्य पढ़े 👈कुछ दिनों से लगातार पूरे देश में बीफ पर घमासान मचा हुआ है बङी बङी हस्तियों बीफ खाने या ना खाने पर अपने व्यक्तिगत विचार रख रहे हैं । सुन कर बहुत आश्चर्य होता है कि भारतीय संस्कृति की धुरी मानी जानी वाली गाय माता को मात्र स्वाद व पेट भरने के लिए

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गाय एक पशु नही,वो हमारी माँ है

21 अक्टूबर 2015
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बीफ पर बवाल🐄 एक मार्मिक अपील 🐄 👉 कृपया अवश्य पढ़े 👈कुछ दिनों से लगातार पूरे देश में बीफ पर घमासान मचा हुआ है बङी बङी हस्तियों बीफ खाने या ना खाने पर अपने व्यक्तिगत विचार रख रहे हैं । सुन कर बहुत आश्चर्य होता है कि भारतीय संस्कृति की धुरी मानी जानी वाली गाय माता को मात्र स्वाद व पेट भरने के लिए

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गाय एक पशु नही,वो हमारी माँ है

21 अक्टूबर 2015
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बीफ पर बवाल🐄 एक मार्मिक अपील 🐄 👉 कृपया अवश्य पढ़े 👈कुछ दिनों से लगातार पूरे देश में बीफ पर घमासान मचा हुआ है बङी बङी हस्तियों बीफ खाने या ना खाने पर अपने व्यक्तिगत विचार रख रहे हैं । सुन कर बहुत आश्चर्य होता है कि भारतीय संस्कृति की धुरी मानी जानी वाली गाय माता को मात्र स्वाद व पेट भरने के लिए

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धर्मो मे महान हमारा सनातन धर्म

22 अक्टूबर 2015
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कभी ना अंतर मिट पायेगा पूजा और अजान में,कभी ना अंतर मिट पायेगा पूजा और अजान में,काफिरों के सर काट दो लिक्खा यही कुरआन मेंपूजा में हम यही मांगते, सब मंगल हों , अच्छा होगैर मुस्लिमो तुम काफिर हो,मुल्ला कहे ये शान में ,कभी ना अंतर मिट पायेगा पूजा और अजान में,जो आया उसको अपनाया ,सार धर्म ने यही बताया,का

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हिन्‍दुत्‍व अथवा हिन्‍दू धर्म

26 अक्टूबर 2015
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ईश्वर ने हमें क्यों बनाया ?

29 अक्टूबर 2015
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इस सृष्टि में सर्वत्र व्याप्त अद्बुत नियमितता पर एक दृष्टिक्षेप ही काफ़ी है किसी महान नियंता की सत्ता को प्रमाणित करने के लिए | यह हस्ती इस परिपूर्णता से काम करती है कि वैज्ञानिक भी उसके शाश्वत नियमों को गणितीय समीकरणों में बांध पाएँ हैं | यह महान सत्ता प्रकाश वर्षों की दूरी पर स्थित दो असम्बद्ध कणो

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सनातन धर्म की वैज्ञानिकता

14 नवम्बर 2015
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33 करोड देवी देवता !ॐ , एक ओमकार ,परमेश्वेर, ईश्वर, भगवानहिन्दू धर्म का दुष्प्रचार करने के लिए ये बात उडाई गयी की हिन्दुओ के 33 करोड़ देवी देवता हैं और अब तो मुर्ख हिन्दू खुद ही गाते फिरते हैं की हमारे 33 करोड़ देवी देवता हैं...सबसे पहली बात तो ये की अधूरा ज्ञान खतरना होता है।वैसे ही जैसे बिना सीखे

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जिनको देश ने प्यार दिया उन्हे अब ये देश अशांत लग रहा

26 नवम्बर 2015
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ये लेख नकल  है लेकिन ये एक कठोर सच और मुझे भावुक कर दिया जिसके वजह से आप लोगो सांझा किया .ये लेख नकल  है लेकिन ये एक कठोर सच और मुझे भावुक कर दिया जिसके वजह से आप लोगो सांझा किया .पिछले दिनों कश्मीर में किसी अशांत स्थान पर एक वायुसेना स्टेशन पर रुकने के लिए मुझे एक कॉटेज नुमा सुइट दिया गया, जिस पर ल

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जिनको देश ने प्यार दिया उन्हे अब ये देश अशांत लग रहा

26 नवम्बर 2015
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ये लेख नकल  है लेकिन ये एक कठोर सच और मुझे भावुक कर दिया जिसके वजह से आप लोगो सांझा किया .ये लेख नकल  है लेकिन ये एक कठोर सच और मुझे भावुक कर दिया जिसके वजह से आप लोगो सांझा किया .पिछले दिनों कश्मीर में किसी अशांत स्थान पर एक वायुसेना स्टेशन पर रुकने के लिए मुझे एक कॉटेज नुमा सुइट दिया गया, जिस पर ल

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जिनको देश ने प्यार दिया उन्हे अब ये देश अशांत लग रहा

26 नवम्बर 2015
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ये लेख नकल  है लेकिन ये एक कठोर सच और मुझे भावुक कर दिया जिसके वजह से आप लोगो सांझा किया .ये लेख नकल  है लेकिन ये एक कठोर सच और मुझे भावुक कर दिया जिसके वजह से आप लोगो सांझा किया .पिछले दिनों कश्मीर में किसी अशांत स्थान पर एक वायुसेना स्टेशन पर रुकने के लिए मुझे एक कॉटेज नुमा सुइट दिया गया, जिस पर ल

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