1 जून 2016
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व्यवसायी. ,व्यवसायी. D
"मौन गुलामी के दलदल में , आज धंसी हैं भारत माँ ," "यूं लगता है फिर मुगलों के , बीच फंसी हैं भारत माँ........" "केसरिया झंडे मज़ार की , चादर बनकर बैठे हैं ," "रामचंद्र के ?बेटे खुद ही , बाबर बनकर बैठे हैं........" "हिन्दू कुल
करो योग रहो निरोग