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वाह. रे....नेता. जी.

14 मई 2016

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"मौन गुलामी के दलदल में , आज धंसी हैं भारत माँ ," "यूं लगता है फिर मुगलों के , बीच फंसी हैं भारत माँ........" "केसरिया झंडे मज़ार की , चादर बनकर बैठे हैं ," "रामचंद्र के ?बेटे खुद ही , बाबर बनकर बैठे हैं........" "हिन्दू कुल में जन्मे लेकिन , ख़ान सरीखे लगते हैं ," "ये भारत में तुर्क और , अफगान सरीखे लगते हैं........" "सत्ता और वोट के लालच में , इस कदर समाये हैं ," "मक्का और मदीना में , काशी गिरवी रख आये हैं......." "निज पुरखों की सनातनी , पहचान मिटाये बैठे हैं ," "भगवद् गीता फेंक हाथ , कुरआन उठाये बैठे हैं........." "पुनः गुलामी का तैयार , मसौदा करने वाले हैं ," "गजनबियों से सोमनाथ का , सौदा करने वाले हैं........" "वेदों की छाती पर देखो , फतवों की तलवारें हैं ," "गायत्री के शव पर उठती , जेहादी हुंकारें हैं........." "जिनको हिन्दू समझ रहे थे , बैठे मिले मज़ारों में ," "नवदुर्गों में गायब थे पर , हाज़िर हैं अफ्तारों में........" "इनको तुलसी से ज्यादा , दरगाहें अच्छी लगती हैं ," "माँ से भी ज्यादा अफज़ल की , बाहें अच्छी लगती हैं........" "बजरंगी के भक्त मुलायम , पर आज़म से परे नहीं ," "कार सेवकों पर गोली , चलवाने से भी डरे नहीं........" "ममता की ममता में केवल , घुसपैठी दंगाई हैं ," "माँ दुर्गा की बेटी में रज़िया , सुल्तान समायी हैं........" "बंग भूमि को इस्लामिक , पहचान बनाकर बैठी हैं ," "कलकत्ता में कितने , पाकिस्तान बनाकर बैठी हैं........" "लालू का प्रसाद भी केवल , बकरीदों में आता हैं ," "अब नितीश का ईश खुदा का , पानी भरने जाता हैं......." "अपनी-अपनी राजनीति में , धार लगाए बैठे हैं ," "सब ऊंचे पैजामों में , दरबार लगाए बैठे हैं........." "अब कहे राहुल बंसल , ये ढोंग रचाना बंद करो ," "खुद को हिन्दू पुरखों की , औलाद बताना बंद करो........" "शर्म बची हो तो हिन्दू , दायित्व संभालो नेता जी ," "या फिर खुलकर अपना भी , खतना करवालो नेता जी........." 

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