0.0(0)
0 फ़ॉलोअर्स
1 किताब
"मौन गुलामी के दलदल में , आज धंसी हैं भारत माँ ," "यूं लगता है फिर मुगलों के , बीच फंसी हैं भारत माँ........" "केसरिया झंडे मज़ार की , चादर बनकर बैठे हैं ," "रामचंद्र के ?बेटे खुद ही , बाबर बनकर बैठे हैं........" "हिन्दू कुल
करो योग रहो निरोग