ज्योतिष का नाम आपने सुना है, किन्तु आपको पता नहीं है कि इसका कैसे उपयोग किया जाए। जब कोई विशेष परेशानी या अशुभ घटना हो जाती है तो आप ज्योतिषियों के पास चक्कर लगाने लगते हैं। कई बार अच्छे अनुभव होते हैं और बहुत लाभ होता है तो कई बार कड़वे अनुभव होते हैं और धन का अलग नुकसान हो जाता है। क्षेत्र कोई भी हो हर क्षेत्र में अच्छे-बुरे लोग होते हैं, ज्योतिष में भी हैं। हमारा यह विचार ज्योतिषियों की महत्ता कम करना नहीं है। किसी भी व्यवसाय में दक्ष्ा व्यक्ति की समानता कभी कोई नहीं कर सकता है।
घर में किसी को छोटी-मोटी चोट लग जाती है तो खुद पट्टी कर देते हैं, डॉक्टर के पास नहीं दौड़ते हैं। डॉक्टर के पास तभी जाते हैं जब समस्या खुद नहीं समझ आती है। इसी प्रकार छोटी-छोटी परेशानियों के लिए ज्योतिषयों के चक्कर नहीं लगाने चाहिएं।
गणित पक्ष तो आजकल कम्प्यूटर कर देता है। फलित पक्ष किसी अनुभवी से या अच्छी पुस्तकों के अध्ययन से सीख सकते हैं। तब आप छोटी-छोटी बातों के लिए पंडितों के चक्कर नहीं काटेंगे और व्यर्थ में धोखा नहीं खाएंगे।
जिन्हें सत्य प्रिय है और मानसिक श्रम करने का धैर्य, लगन और स्वाध्याय अच्छा लगता है, वे कुछ माह में इसके मूल सिद्धान्तों को सीख सकते हैं। शेष परिचितों की अधिकाधिक कुण्डलियां देखेंगे तो धीरे-धीरे फलित करने की समझ आने लगेगी।
यह जान लें कि कुण्डलियों के विश्लेषण से अनुभव और ज्ञान के आधार पर भविष्य का पूर्वानुमान कर सकते हैं, पूर्वानुमान होने पर परेशानी हो तो उसका सामना करने के लिए उपाय किए जा सकते हैं।
यदि लगन नहीं है तो अच्छे ज्योतिषी से सलाह लें और उसके निर्देशों का अनुपालन करें। अब प्रश्न उठता है कि अच्छा ज्योतिषी कौन जो देखने में शान्त हो, दूसरों के प्रति सद्भाव रखे, धार्मिक विचारों का और आस्तिक हो, जीवन के सार को समझता हो, ज्योतिष विषय का अच्छा ज्ञाता हो। चतुर व दुष्ट प्रवृत्ति का न हो, ऐसे बुहत से लोग है जो निज स्वार्थ सिद्धि के लिए ज्योतिष की दुकानदारी चलाते हैं और उनका मुख्य उद्देश्य दूसरों को ठग कर अपना उल्लू सीधा करना है। यह जान लें कि शुद्ध, विचारवान और सुभावना रखने वाला, मानवता एवं मुनष्यता की समझ रखने वाला, आस्तिक एवं जीवन के मर्म को पहचानने वाला ही अच्छा भविष्यवक्ता हो सकता है।
ज्योतिष उनके लिए नहीं हैं जो सत्य से भयभीत हो जाते हैं और जल्दी व्यर्थ के भय से तनाव में आ जाते हैं। आप कार चलाना इस भय से तो नहीं छोड़ सकते हैं कि दुर्घटना हो जाएगी। अच्छा व बुरा एक सिक्के के दो पहलू हैं। जीवन है तो कठिनाईयां भी होंगी, दिमाग है तो चिन्ताएं भी स्वाभाविक हैं, बुद्धि है तो विकार भी हो सकता है।
ज्योतिष भविष्य में होने वाली घटनाओं का पूर्वानुमान के अलावा शुभाशुभ समय का भान कराता है। यह ज्ञान हो जाए तो आप उचित निष्कर्ष या निर्णय ले सकते हैं या अशुभ समय है तो सावधानी रखें। कैरियर या शिक्षा काल में शिक्षा का क्षेत्र अपनी सम्भावनाओं एवं रूचि के अनुरूप चयन करके सही दिशा में प्रयास करके उच्च शिखर में पहुंचने का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं।
वेदों के नेत्र ज्योतिष के ज्ञान से जीवन को संवारना चाहिए। शुभ समय में सही दिशा में प्रयास करने से अल्प श्रम से सफलता निश्चित और अधिक मिलती है।