shabd-logo

समय को सामने से पकड़ो!

25 मई 2016

323 बार देखा गया 323
featured image

          समय एक ऐसा सेठ है जिसके सिर पर सामने तो केश हैं और पीछे से खल्‍वाट(गंजा)है। समय रूपी सेठ को सामने से पकड़ने पर ही वह पकड़ आता है। उसके पीछे दौड़ने पर वह कभी पकड़ में नहीं आता है। स्‍पष्‍ट है कि समय को पीछे से पकड़ने का प्रयास करेंगे तो वह पकड़ नहीं आएगा अर्थात् आए हुए अवसर हाथ से निकल जाएंगे और बाद मे बैठकर पछताना ही पड़ेगा।

          एक आंग्‍ल कहावत का भावार्थ है-समय ही धन है। समय को सदैव सामने से पकड़कर प्रत्‍येक अवसर को हाथ से न जाने दें। भारतीय शास्‍त्रों में तो महाकाल की महिमा वर्णित है। कहने का तात्‍पर्य यह है कि समय बहुत बलवान है, उसका सम्‍मान करना चाहिए जोकि आगे बढ़कर स्‍वागत करने से होता है। पीठ पीछे तो निन्‍दा ही होती है। समय की महत्‍ता तो इसी से ज्ञात होती है कि वह सबको परिवर्तित एवं व्‍यतीत करता है। वह आयु का भोग करता है अर्थात् आपकी आयु का एक-एक दिन भोगकर समस्‍त आयु को निगल जाता है। यदि वह प्रतिदिन आपकी आयु का एक दिन भोग रहा है तो आपको भी उस आयु का उचित मूल्‍य उससे लेना चाहिए, इसी में बुद्धिमानी है।

           आपको प्रत्‍येक दिन का एक-एक क्षण उपयोगी कार्य करते हुए सार्थक बनाना चाहिए क्‍योंकि यदि आपने कुछ भी नहीं किया तो जो क्षण आपके लिए मूल्‍यवान होने वाले थे वे व्‍यर्थ हो जाएंगे। बुद्धिमान का एक घंटा मूर्ख के सम्‍पूर्ण जीवन के बराबर होता है।

           कल को आज और आज को अभी बनाने में ही सार्थकता है। शुभस्‍य शीघ्रम् की नीति को अपनाते हुए एक-एक क्षण को सार्थक बना लीजिए। उत्‍तम संयोग की प्रतीक्षा न कीजिए, वह अपने आप कभी नहीं आता है, उसे आज बोएंगे तभी कल उसका फल पाएंगे। सदैव तैयार रहें, मानों अवसर सामने खड़ा है। यह जान लें कि कल का पिता आज है और यदि आज निर्बल होगा तो उसका पुत्र कल कैसे सबल होगा। आग लगने पर आप कुआं खोदने निकलेंगे तो उससे आपका घर नहीं बच सकता। परिस्थिति के पूर्व उसकी तैयारी करने में बुद्धिमानी है। यदि साधनों का संचय आज करने पर ही ठीक अवसर आने पर उसका उपभोग हो सकता है।

          हमारे शरीर में नेत्रों को इतनी ऊपर इसलिए रखा गया है कि आप दूर तक देख सकें अर्थात् दूरदर्शी बनने का सन्‍देश मिलता है। मस्तिष्‍क नेत्रों से भी ऊपर है इसलिए इसका उपयोग और अधिक करना चाहिए। मस्तिष्‍क एवं नेत्रों का भरपूर उपयोग करते हुए समय की महत्‍ता को विस्‍मरण नहीं करना चाहिए।

1

ज्‍योतिष्‍ा से जीवन संवारना चाहिए

25 मई 2016
0
2
0

          ज्‍योतिष का नाम आपने सुना है, किन्‍तु आपको पता नहीं है कि इसका कैसे उपयोग किया जाए। जब कोई विशेष परेशानी या अशुभ घटना हो जाती है तो आप ज्‍योतिषियों के पास चक्‍कर लगाने लगते हैं। कई बार अच्छे अनुभव होते हैं और बहुत लाभ होता है तो कई बार कड़वे अनुभव होते हैं और धन का अलग नुकसान हो जाता है। क

2

समय को सामने से पकड़ो!

25 मई 2016
0
2
0

          समय एक ऐसा सेठ है जिसके सिर पर सामने तो केश हैं और पीछे से खल्‍वाट(गंजा)है। समय रूपी सेठ को सामने से पकड़ने पर ही वह पकड़ आता है। उसके पीछे दौड़ने पर वह कभी पकड़ में नहीं आता है। स्‍पष्‍ट है कि समय को पीछे से पकड़ने का प्रयास करेंगे तो वह पकड़ नहीं आएगा अर्थात् आए हुए अवसर हाथ से निकल जाएं

3

प्रेम क्या है?

25 मई 2016
0
4
0

मन में उठा एक प्रश्न-प्रेम क्या है?लगा यूँ कि-अनुभूति के मध्यभावों के संग एक यात्रा है।यात्रा पूर्ण करके, हुई प्रतीति-इसमें पाने की नहीं वांछारहती बस यही आकांक्षा-रीझना उस पर सदारीतना स्वयं का सदातिल-तिल कर होना अदारेशा-रेशा देना बदा।प्रेम एक तल्लीनता है! प्रेम एक तन्मयता है!ढाई आखर का है शब्दलौकिक

4

मन के चिंतन से लक्ष्य बनता है!

17 जून 2016
0
2
0

हमारा मन जाग रहे हैं तो सोचता है और सो रहे हैं तो सपनों में सोचता है। सोचना उसकी नियति है इसीलिए तो निरंतर सोचता रहता है। मन अपनी सोच पर मनन करता है तो सार्थक विचार बनता है  वरना तो जो जी में आए सोचता ही रहता है। सभी को बहुत कुछ चाहिए पर सब कुछ सभी को मिलता नहीं। मिलता वही है जो मन का सोचा चिंतन के

5

हैप्पी फादर डे

19 जून 2016
0
2
0

आज फादर डे है इसका पता तब चला जब बेटी का फोन आया हैप्पी फादर्स डे! यह सच्च है कि बेटियां अधिक ध्यान रखती हैं।कुछ घंटों बाद पुत्र का मैसज आ गया हैप्पी फादर डे पापा। पापा  प्रसन्न हो बोले-धन्यवाद! सभी शब्द नगरी के सदस्यों को जो फादर हैं और उनको भी जो भविष्य में फादर बनने वाले हैं सभी को मेरी तरफ से ह

6

चमत्कारिक महामृत्युंजय मन्त्र

17 जुलाई 2016
0
2
0

    जब कोई व्यक्ति मृत्यु शय्या पर पड़ा होता है, किसी असाध्य रोग से पीड़ित होता है, ऊपरी प्रभाव या हवाओं से निरन्तर रोगग्रस्त रहता है या अचानक दुर्घटना के कारण मृत्यु की घड़ियां गिन रहा होता है तो कहते हैं कि महामृत्युंजय मन्त्र का पाठ करा लो। इससे मृत्यु भी टल जाती है।    मन्त्र के लिए कह सकते हैं

7

गुरू पूर्णिमा

19 जुलाई 2016
0
4
0

गुरू पूर्णिमा 

8

त्रिखल दोष क्‍या है?

20 जुलाई 2016
0
2
1

    जब किसी स्‍त्री के तीन कन्‍या के उपरान्‍त लड़के या लड़की का जन्‍म हो तो इस त्रिखल दोष कहते हैं    त्रिखल दोष अशुभ होता है।    लड़के का जन्‍म हो तो पिता को भय, रोग एवं धनहानि होती है।    लड़की का जन्‍म हो तो माता को कष्‍ट होता है।    यदि आपके संज्ञान में त्रिखल दोष हो तो निज पुरोहित से इसकी शान्त

9

खुश कैसे रहें ?

21 जुलाई 2016
0
2
0

    खुश कौन नहीं रहना चाहता है, सभी तो यही चाहते हैं।     खुश कैसे रहा जाए?      इस प्रश्‍न का उत्तर देने के लिए ही खुश रहने के लिए यहां कुछ बातों की चर्चा करेंगे।     यदि आपने इनको अपनाकर व्यवहार में लाएंगे तो निश्चित रूप से आप खुश रहेंगे।     ये बातें निम्नलिखित हैं-नई रुचियों का विकास करें लेकिन

10

प्रबन्धन

27 जुलाई 2016
0
3
0

आज का सुवचन     

11

स्वतन्त्रता दिवस की पूर्व संध्या पर हार्दिक शुभकामनाएं

14 अगस्त 2016
0
3
0

सभी को स्वतन्त्रता दिवस मंगलमय हो! 

12

आपके इष्टदेवता कौन है ?

16 अगस्त 2016
0
2
0

          आप जानते ही हैं कि हिन्दुओं के ३३करोड़ देवी देवता हैं। साल का कोई सा दिन ऐसा नहीं जाता होगा जिस दिन व्रत या त्यौहार न हो। एक ही देवता की आराधना करनी चाहिए। जो एक प्रिय देवता होता है वही इष्टदेव होता है। एक देवता की आराधना उत्तम है पर अन्य देवताओं से परान्मुख नहीं होना चाहिए, अपितु उनके प्र

13

चर्चा

19 अगस्त 2016
0
1
0

आज का सुवचन

14

प्रभाव

20 अगस्त 2016
0
1
0

आज का सुवचन

15

सुवचनमाला ई बुक के रूप में उपलब्ध

23 अगस्त 2016
0
1
0

सुवचन जीवन में प्रेरणा देते हैं। सुवचन के सार को जीवन में व्यवहार में लाने पर वे सार्थक हो जाते हैं! सुवचनों को व्यवहार में अवश्य लाना चाहिए। सुवचन सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाते हैं। सकारात्मक ऊर्जा सफलता का मार्ग प्रशस्त करती है। इस पुस्तक में प्रेरक व जीवनोपयोगी 190 सुवचन

16

अपना आत्मपरीक्षण करें!

6 सितम्बर 2016
0
0
0

आप सोचते हैं कि आपमें योग्यता है, परिश्रम करने की क्षमता है और उचित अवसर भी मिलते रहते हैं, परन्तु फिर भी लक्ष्य नहीं पूरा होता। आपको लगता है कि आपके पास सच्चे मित्र नहीं है। आपको लगता है कि आपको सदैव गलत ही समझा जाता है। आपको लगता है कि आपको आगे बढ़ने के अवसर मिलते ही नही

17

कर्म

15 अक्टूबर 2016
0
0
0

आज का सुवचन‘हमारे कर्म ही हमारे जीवन की दिशा निर्धारित करते हैं।’ - ज्ञानेश्वर

18

गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

26 जनवरी 2017
0
3
0

हम सब भारतीय हैं अौर हम सबको भारतीय होने पर गर्व है! सभ्‍ाी भारतीयों को गणतन्‍त्र दिवस के शुभअवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं Happy Republic Day - YouTube

19

उन्‍नति (Progress)Un‍nati

2 मार्च 2017
0
0
0

सुवचन सकारात्‍मक होते हैं अौर दिशा निर्धारित करते हैं। सुपथ दिखाते हैं और लक्ष्‍य प्राप्ति में सहायक होते हैं। आज के सुवचन का शीर्षक 'उन्‍नति' है!यदि आपने अभी तक नहीं किया है तो SUBSCRIBE तुरन्‍त करें आपको नई वीडियो की जानकारी मिलती रहेगी।Video को LIKE और हमारे CHANNEL को

20

सफलता किसकी?

8 जुलाई 2019
0
2
2

सफलता किसकी आज सोमवार है और प्रत्‍येक सोमवार को सकारात्‍मक सोच की चर्चा करते हैं। आज की वीडियो में बताएंगे कि सफलता किसकी होती है?विस्‍तार से जानने के लिए नीचे लिखे लिंक पर क्लिक करें- Loading playlists... YouTube

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए