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झील कि परछाई पार्ट -3

10 फरवरी 2022

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दूसरे दिन आमिर बहुत देर तक सोता रहा..

"उठो ना आमिर ग्यारह बज गए हैँ एक बजे हमारी डॉक्टर के साथ अपॉइंमेंट है"

आमिर के कानो मे आलिया कि आवाज़ सुनाई दी..

आमिर ने ऊँघते हुए कहा..

"थोड़ी देर और सोने दो यार"
"तुम ऐसे नहीं मानोगे"

आलिया ने आमिर के ऊपर पानी फेक दिया और आमिर हड़बड़ा के उठ बैठा..

उस कि सारी नींद उड़ गयी थी..

"ये क्या है आलिया तुम ने सारी नींद उड़ा दी"

आमिर ने देखा आलिया मुस्कराती हुई उस के सामने चाय लिए खड़ी थी..

"मैं जानती थी तुम ऐसे नहीं उठोगे "आलिया हंसती हुई बोली
आमिर ने आलिया के हाथो से चाय का कप ले लिया...

"चाय पी कर तुम फ्रेश हो जाओ आमिर हमें जल्दी निकलना है"
"ओके ओके माय लवली वाइफ"

आलिया ये कहती हुई बाहर निकल गयी..

थोड़ी ही देर बाद आमिर तैयार होकर आलिया के सामने खड़ा था..

आमिर ने देखा आलिया पहले से ही तैयार हो चुकी थी..

आमिर आलिया को देख कर मुस्कुरा कर छेड़ने लगा..

"क्या बात है माय वाइफ आज किसी को नजर लगाने का इरादा है क्या"..... आलिया आमिर की बात सुन कर मुस्कुरा दी......

"तुम अपनी बदमाशी से कभी बाज़ नहीं आओगे आमिर"
"अब चलो जल्दी".......

यह कहकर आलिया कार के अंदर बैठ गई..

और आमिर गाड़ी ड्राइव करने लगा..

थोड़ी ही देर बाद आमिर क्लीनिक के सामने खड़ा था..

आमिर गाड़ी पार्क कर के क्लीनिक के अंदर चला गया..

आलिया क्लीनिक में पहले से चली गई थी..

फिर थोड़ी ही देर के बाद उन्हें बताया गया कि डॉक्टर मैं उन दोनों को अंदर बुलाया है..

वह दोनों डॉक्टर के केबिन में चले गए.

और डॉक्टर उनसे बातें करने लगा..

"मिस्टर आमिर मैंने आलिया की सारी रिपोर्ट देख ली है  और मैंने तुम्हारा भी जो टेस्ट करवाया था उस कि भी रिपोर्ट आ गई है"

आमिर जो डॉक्टर की बात बहुत गौर से सुन रहा था डॉक्टर से पूछने लगा तो

"फिर क्या हुआ डॉक्टर ?

"कुछ नहीं आमिर कुछ खास नहीं तुम दोनों की रिपोर्ट्स बिल्कुल नॉर्मल है तुम भी बिल्कुल फिट हो और आलिया भी"

"तो फिर ऐसी क्या बात है डॉक्टर साहब जो हमें अभी तक कोई औलाद नहीं हुई"

डॉक्टर ने आमिर की बात सुन कर मुस्कुरा कर जवाब दिया..

"कभी-कभी कुछ चीजें डॉक्टर की और साइंस की समझ से बाहर होती हैँ जैसे कि तुम दोनों अपने आप को ही देख लो.
तुम्हारी रिपोर्ट्स बिल्कुल नॉर्मल है तुम दोनों फिट हो लेकिन फिर भी अभी तक तुम दोनों को कोई औलाद नहीं हुई....इसको ऊपर वाले के ऊपर छोड़ दो समझ लो कि जब किस्मत में होगा तुम्हें औलाद हो जाएगी इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं कह सकता बस इतना कह सकता हूं कि तुम दोनों को कोई भी बीमारी नहीं है और कोई भी कमी नहीं"

डॉक्टर की बात सुनकर आमिर आलिया की तरफ देखने लगा..

आलिया डॉक्टर की बात सुनकर थोड़ी ग़मगीन हो गई..

ठीक है तो हम चलते हैं यह कहकर वे दोनों क्लीनिक के बाहर आ गए आलिया खामोश खड़ी हुई थी आमिर इस बात को जानता था कि आलिया उससे भले ही कुछ ना कहती हो लेकिन उसे अंदर ही अंदर औलाद ना होने का गम खाया जा रहा था
आमिर गाड़ी ड्राइव कर रहा था और आलिया खामोश बैठी हुई गाड़ी के  शीशे को घूर रही थी...

आमिर से रहा न गया.

"क्या बात है आलिया तुम कुछ बोलोगी नहीं"

"तुम दूसरी शादी क्यों नहीं कर लेते हमें मुझे एक बच्चा चाहिए मुझे नहीं लगता कि मेरा अब कोई बच्चा हो पाएगा होना होता तो अब तक हो जाता"

"यह कैसी बातें कर रही हो आलिया तुम जानती हो मैं तुम्हारे अलावा किसी और के बारे में सोच भी नहीं सकता तुम फिकर मत करो अभी और भी बहुत टाइम है"

फिर आमिर ने माहौल को हल्का करने के लिए आलिया से मजाक के लहजे में कहा...

"अरे यार आ गया अभी हम लोग जवान ही हैं क्या फर्क पड़ता है हो जाएगा  चार या पांच के साल बाद".....

मगर शायद आलिया मजाक के मूड में बिल्कुल नहीं थी..

मैं सीरियस कह रही हूं तुम दूसरी शादी कर लो..

आमिर का चेहरा अब थोड़ा गंभीर हो गया था..

"मैं नहीं कर सकता आलिया"

"तुम्हें क्या दिक्कत है आमिर जब मुझे कोई दिक्कत नहीं है मैं वादा करती हूं मैं तुम्हारी दूसरी बीवी से नहीं जलूंगी और तुम्हें शिकायत का मौका बिल्कुल नहीं दूंगी मुझे बस वाला औलाद चाहिए"

"तुम खुद सोचो आलिया अभी अभी कुछ देर पहले डॉक्टर ने कहा है कि उसमें मेरा भी टेस्ट करवाया था मैं भी बिल्कुल फिट हूं क्या गारंटी है कि अगर मैं दूसरी शादी कर लूंगा तो उसकी औलाद होगी"

"नहीं आलिया नहीं उस डॉक्टर्स की बात बिल्कुल सही थी कुछ बातें हमें ऊपर वाले पर छोड़ देनी चाहिए और तुम देखना मेरा दिल कहता है तुम जरूर मां बनोगी"

यह कहते हुए आमिर ने गाड़ी को एक इंडियन रेस्टोरेंट की तरफ मोड़ दिया अब थोड़ा सा मूड सही करो चलो आज तुम्हारा फेवरेट इंडियंस खाना खाते हैं आलिया जो अब तक खामोश बैठी हुई थी आमिर के मिजाज को जानती थी वह सिर्फ उसकी खुशी के लिए मुस्कुरा दी...

"ठीक है"

थोड़ी ही देर बाद वह दोनों रेस्टोरेंट में बैठे हुए थे और लंच कर रहे थे आमिर ने सारी डिशेज आलिया की पसंद की मंगवाई थी वह आलिया का दिमाग कहीं और लगाना चाहता था माहौल को थोड़ा हल्का करना चाहता था सच तो यह है कि वह आलिया से बेइंतहा मोहब्बत करता था वह उसे ज्यादा देर तक उदास नहीं देख सकता था...

अब माहौल थोड़ा हल्का हो गया था अब आलिया का मूड थोड़ा सही हो गया था और आमिर की बात को लेकर बीच-बीच में वो हंस भी रही थी आमिर उसको जोक सुना रहा था
लंच करने के आलिया और आमिर रेस्टोरेंट से बाहर निकल आये...

आमिर खुश था कि आलिया का मूड अब सही था...

वो बातें करते हुए अपनी गाडी के करीब आ गए तब आमिर के कानो मे किसी कि आवाज़ टकराई...

"है आमिर कैसे हो यार"
आमिर ने पीछे मुड़ कर देखा वो आमिर का दोस्त था..

"अरे यार ये कहाँ से आ गया"

"क्यों क्या हुआ तुम्हारा दोस्त है मिलवाओगे नहीं"

"अरे नहीं आलिया एक नंबर का पकाऊ है ये तुम यही रुको मैं इसे चलता कर के आता हूं "आलिया मुस्कराने लगी और आमिर वहां से चला गया...

आलिया अपनी गाड़ी के करीब खड़ी हो गयी शाम होने वाली थी आलिया एक तरफ टहलने लगी आलिया टहल ही रही थी कि उस ने महसूस किया कि कोई उसे देख रहा है आलिया ने सामने देखा वहां उसे एक औरत नज़र आयी...

आलिया ने देखा वो औरत बहुत ही खूबसूरत थी..

वो औरत आलिया को देख कर मुस्करा रही थी..

आलिया ने उस से पूछ लिया..

"क्या आप मुझे जानती हैँ मिस"........
आलिया कि बात सुन कर वो औरत मुकराने लगी और आलिया के पास खुद चली आयी..

आलिया उस को पहचानने कि कोशिश करने लगी..

फिर वो औरत आलिया से खुद ही बोली...

"तुम्हारी अभी तक कोई औलाद नहीं हुई ना"

आलिया उस औरत कि बात सुन कर चौक गयी और उसे देखने लगी...

"ऐसे मत देखो आलिया "वो औरत आलिया से बोली

"तुम मेरा नाम कैसे जानती हो"

"मैं तुम्हारे बारे सब जानती हूं"

"कौन हो तुम".....

आलिया उस से कहती इस से पहले उस औरत ने उस को इशारे
से कहने से रोक दिया...

"मैं कौन हूं इस से कोई फर्क नहीं पड़ता मैं तुम्हारी मदद करना चाहती हूं"

"मदद कैसी मदद"......

"तुम माँ बन सकती हो आलिया मैं तुम्हें बताती हूं तुम्हें इंडिया जाना होगा"......

"वहां पर एक टाउन है जिसे  हिल हाउस टाउन कहते हैँ"

"वो टाउन बहुत ही ऊंची पहाड़ी पर बसा हुआ है.. जहाँ आसपास बहुत खूबसूरत पहाड़ हैँ "

"उन्ही पहाड़ियों मे एक बहुत पुरानी औरत रहती है उसे जड़ी बूटीयों का बहुत ज्ञान है अब तक जो भी उस औरत के पास औलाद के मसले ले कर पहुंचा है वो खाली हाथ नहीं आया"

ये कह कर वो औरत मुस्कराने लगी...
आलिया इस से पहले उस से कुछ कहती तब ही उस के कंधे पर किसी ने हाथ रखा आलिया ने पलट कर देखा तो वहां आमिर था..

"किस से बातें कर रही थीं तुम"

आमिर देखो ना वो औरत"

"कौन सी औरत वहां पर कोई नहीं"

आलिया ने देखा तो वहां पर कोई औरत मौजूद नहीं थी..

"आमिर ऐसे कैसे हो सकता है अभी अभी वो मुझ से बातें कर रही थीं अचानक कैसे गायब हो सकती है"

आमिर आलिया को अजीब सि नज़रो से देखने लगा..

"क्या देख रहे हो मैं कोई पागल हूं क्या"

"अभी तक तो नहीं लेकिन ऐसी हरकत रही तो हो जाओगी"
"क्या मतलब है तुम्हारा आमिर"

"अरे यार मैंने खुद देखा तुम अकेले अकेले बातें कर रही थीं चलो गाडी मैं बैठो"
"वरना घर पहुंचने मे रात हो जायेगी"

आलिया गाड़ी के अंदर बैठ गयी..

और आमिर गाड़ी ड्राइव करने लगा..

और आलिया चुपचाप बैठे बैठे सोचने लगी उसकी कुछ भी समझ में नहीं आ रहा  था..

"ऐसे कैसे हो सकता है आमिर ने  अभी-अभी उससे कहा था कि वह वहां पर अकेले बातें कर रही थी मगर सच तो यह है वह उस वक्त उस औरत से बातें कर रही थी"

लेकिन आलिया अभी तक यह नहीं समझ पा रही थी कि वह इतनी जल्दी वहां से कैसे जा सकती है जब आमिर ने उसके कंधे पर हाथ रखा और फिर उसने पलट कर जब देखा तो वो औरत गायब थी ऐसा कैसे हो सकता है आलिया यह सब कुछ सोच ही रही थी..

तभी आमिर बोल पड़ा...

"कोई बात नहीं. आलिया ऐसा होता है कभी-कभी थकान ज्यादा होने की वजह से ऐसा होता है इसमें इतना सोचने की  जरूरत नहीं है"

''मैं जानता हूं कि इस वक्त तुम किस दौर से गुजर रही हो तुम कुछ जरूरत से ज्यादा टेंशन ले रही हो'

"ज्यादा मत सोचो आलिया....!

आलिया जो आमिर की बातों को सुन रही थी फिर आमिर से कहने लगी "मेरी बात का यकीन करो यह बात सच है कि मैं इस वक्त परेशान हूं लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मैं पागल हूं तुम मेरी बात का यकीन मानो मैं सामने उस खड़ी हुई औरत से बातें कर रही थी मैं अकेली बातें नहीं कर रही थी"....

आमिर जो कि आलिया की बात सुन रहा था मुस्कुरा कर कहने लगा ठीक है यार... अच्छा तो उस औरत ने अपना कोई तुम्हें नाम बताया....

"हां मैंने नाम पूछा था मगर उसने मना कर दिया"....

"अच्छा"

आमिर ने आलिया को फिर मुस्कुरा कर देखा.

साफ साफ लग रहा था कि आमिर को आलिया की बात पर यकीन नहीं हुआ था..

आलिया आमिर कि इस हरकत पर झुंझला गयी....

"तुम तो मेरे हस्बैंड हो आमिर कम से कम मेरी बात पर यकीन तो करो मैं झूठ नहीं बोल रही"

"ओके ओके चलो ठीक है मैं तुम्हारी बात पर यकीन करता हूं उसने तुम्हें अपना नाम नहीं बताया लेकिन फिर वह तुमसे क्या बातें कर रही थी"

"आमिर उसे हमारे बारे में सब मालूम था उसे यह भी मालूम था कि हमारी कोई औलाद नहीं हुई है उस औरत ने मुझे बताया कि इंडिया में हिल हाउस टाउन नाम की कोई जगह है वो कह रही थी वह पहाड़ी इलाका है और वहां पर एक टाउन है जिससे हिलहाउस टाउन के नाम से जानते हैं वहां पर कोई बूड़ी औरत रहती है जिसे जड़ी बूटियों का बहुत ज्ञान है अगर हम लोग वहां पर जाएंगे तो हमें जरूर औलाद होगी"

आलिया का यह कहना ही था कि आमिर जो आलिया कि बात को मजाक समझ रहा था और उसकी हंसी उड़ा रहा था.. अचानक उसके चेहरे का रंग बदल गया.....

और उसके पैर गाड़ी के ब्रेक की तरफ पड़ गए...

"क्या हुआ गाड़ी क्यों रोक दी..... तुम ने"

"क्या बताया तुम ने क्या कहा उस ने"

फिर आलिया ने तफसील से आमिर को सब बता दिया जो उस के साथ हुआ था...
आमिर खामोश हो गया और आलिया को हैरत से देखने लगा
आलिया ने नोट किया कि आमिर के चेहरे का रंग हिल हाउस के नाम से उड़ गया था वो अचानक परेशान हो गया था..

"आलिया वो औरत दिखने मे कैसी थी"

"क्या हुआ आमिर अभी तुम मेरा मज़ाक उड़ा रहे थे"

"मैं जो पूछा उस का जवाब दो आलिया"

आलिया हैरत से आमिर कि तरफ देखने लगी आमिर और उस कि शादी को दस साल हो गए थे मगर उस ने आमिर को कभी भी इतना सीरियस नहीं देखा था वो हमेशा हँसने और मुस्कराने वाला व्यक्ति था...

"मैंने कुछ पूछा है तुम से आलिया"

फिर आलिया उस औरत का हुलिया बताने लगी..

आलिया जैसे जैसे उस औरत का हुलिया बता रही थी..

आमिर के चेहरे का रंग फीका पड़ता जा रहा था..

फिर आलिया ने महसूस किया कि अचानक आमिर ने खुद को संभाल लिया और मुस्कराने लगा...

"तुम्हारा वहम होगा आलिया"

फिर आमिर चुपचाप गाडी चलाने लगा मगर उस कि शोखी गायब हो गयी थी. आलिया उसे गाडी चलाते हुए गौर से देखने लगी
आमिर खामोश था और चुपचाप गाडी ड्राइव कर रहा था
आलिया को आमिर को देख कर साफ साफ महसूस हो रहा था जैसे वो पुरसुकून होने का सिर्फ दिखावा कर रहा था..

आमिर के इस बर्ताव से आलिया को सोचने पर कुछ मजबूर कर दिया था..................कि क्या आमिर उस से कुछ छुपा रहा था......?


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रचनाएँ
झील की परछाई
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इस दुनिया मे बहुत कुछ ऐसा भी होता है जो मानव कि समझ से परे होता है ये कहानी पहाड़ो मे बसे हुए एक टाउन कि है जिसे हिल हाउस टाउन कहते थे हिल हाउस टाउन का नाम वहां पर बने हुए एक हिल हाउस के नाम से ही पड़ा था जो पता नहीं कितने रहस्य अपने अंदर समेटे हुए था..जिस के पास एक बहुत खूबसूरत झील बहती थी जो पता नहीं कितने मासूमों को निगल गयी थी वो देखने में जितनी खूबसूरत थी उतनी ही खतरनाक भी थी जहां पर कोई भी व्यक्ति जाता था वो ज़िंदा लौटकर नहीं आता था जहां अक्सर उस टाउन के लोगों की लाशें मिला करती थीं जिस का इतिहास हमेशा एक रहस्य था.कहते हैँ कुछ रहस्य हमेशा रहस्य ही रहते हैँ. ये सच है कि मानव ने विज्ञानं मे और टेक्नोलॉजी मे बहुत तरक्की कर ली है मगर ज़ब भी विज्ञानं किसी रहस्यमयी शक्तियों से टकराया है तो खुद को शून्य ही पाता है .ज़ब हमारा सामना ऐसी किसी भी शक्ति से होता है तब हमें महसूस होता है कि हम आज भी बहुत कुछ नहीं समझ पाए हैँ. आखिर क्या था उस टाउन का रहस्य आखिर क्या था उस झील का रहस्य जिसे उस टाउन के लोग उसे झील नहीं बल्कि डर कर झील कि परछाई कहते थे
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