आलिया को बेहोश होता देखकर आमिर और ज्यादा घबरा गया....
वह दौड़ता हुआ आलिया के पास आया और आलिया को थाम लिया फिर उसने वॉचमैन की तरफ इशारा किया पानी लाने के लिए...
तब तक आमिर ने आलिया को बेडरूम में लेटा दिया था..
फिर वॉचमैन पानी ले कर आ गया..
अमीर ने आलिया के ऊपर पानी की छीण्टे मारी..
आलिया को धीरे धीरे होश आने लगा..
वह आमिर को आंखें फाड़ फाड़ कर देखने लगी..
आमिर जो पहले से ही परेशानी में था..
"आलिया को इस हालत में देखकर और ज्यादा परेशान हो गया
क्या हुआ आलिया तुम अचानक बेहोश कैसे हो गई. तुम्हारी तबीयत तो ठीक है"
आलिया आमिर को आंखें फाड़ फाड़ कर देख रही थी फिर वह उठकर चारों तरफ देखने लगी शायद वह फिर फ़िरोज़ देखना चाह रही थी..
आलिया को अब भी यकीन नहीं आ रहा था कि उसने जो कुछ देखा था वह ख्वाब था या हकीकत..
आलिया के ऐसे देखने पर आमिर ने आलिया से कहा..
"क्या हुआ आलिया तुम किसे देख रही हो'
आलिया आमिर की तरफ देखने लगी इससे पहले वह कुछ बताने की कोशिश करती उसने देखा आमिर की आंखें लाल थी....
वो समझ गई कि आमिर रास्ते भर लगता है रोता हुआ आया था...
आलिया को लगा कि अगर वह आमिर को इस बारे में बताएगी तो आमिर और ज्यादा परेशान हो जाएगा वह इस बारे में आमिर से बाद में बात करेगी आलिया सारी की सारी बात को छुपा गई...
"कुछ नहीं आमिर तुम्हारे भाई की मौत की खबर सुनकर मुझे बहुत ज्यादा बुरा लगा और घबराहट हो गई जब से पापा इस दुनिया से गए हैं तब से किसी की भी जाने की खबर सुनती हूं तो मेरा दिल टूट जाता है और मैं खुद पर काबू नहीं रख पाती क्या करूं आमिर मैं बहुत जज्बाती हो गई हूं"
आमिर मोहब्बत भरी नजरों से अपनी बीवी को देखने लगा.........
"कोई बात नहीं आलिया ऐसा होता है क्या तुम मेरे साथ हिंदुस्तान चलोगी अगर तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं है तो कोई बात नहीं लेकिन तुम्हें यहां पर मैं अकेला भी नहीं छोड़ सकता"
"आमिर परेशान मत हो मैं बिल्कुल ठीक हूं बस चक्कर आ गया था"
"ठीक है आलिया आज शाम की हमारी इंडिया जाने की फ्लाइट है "
आमिर की बात सुनकर आलिया खामोश हो गई..
उसने अभी तक आमिर से यह नहीं पूछा था कि इंडिया में उसका घर कहां है वह पूछना चाहती थी मगर पूछ ना सकी
क्योंकि इस वक्त आमिर सदमे में था और आलिया को भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था सच बात तो यह है कि आलिया अंदर ही अंदर खुद बहुत परेशान थी मगर उसने आमिर के सामने जाहिर नहीं होने दिया.......
सच तो यह है कि आलिया अंदर से बहुत ही ज्यादा डर चुकी थी...
उसको कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था वह आमिर को कैसे बताती कि कुछ ही देर पहले आमिर का भाई उससे मिलकर गया था और आमिर ने उससे कहा था कि उसके भाई की मौत कल ही हो चुकी थी वो अभी इस बात को नहीं समझ पा रही थी कि अगर आमिर का भाई कल मर चुका था तो फिर उससे जो मिलने आया था वह कौन था....
आलिया ने अपनी आंखों से आमिर के पास खड़े हुए उसके भाई को देखा था आलिया ने वह भयानक मंजर देखा था कि आमिर के भाई का चेहरा कैसे फट गया था और उसकी आंखों से खून निकल रहा था आमिर के भाई के अल्फाज आलिया के कानों में अभी भी गूंज रहे थे भाई को हिंदुस्तान मत आने देना वो यह सब सोच ही रही थी तभी उसके कानों में आमिर की आवाज सुनाई पड़ी.... आलिया तुम तैयार हो जाओ हमें आज शाम को निकलना है आलिया उठकर चल दी वह पहली बार हिंदुस्तान जा रही थी उसे पैकिंग भी करनी थी....
दूसरे दिन वो दोनों दिल्ली एयरपोर्ट पर खड़े थे...
आलिया हिंदुस्तान पहली बार आई थी उसे यहां आकर बहुत ही अपनेपन का एहसास हो रहा था बहुत वक्त के बाद उसने अपने जैसे चेहरे सामने देखे थे...
तब ही आलिया ने देखा की एक मर्सिडीज उनके पास आकर रुक गयी और उसमें से एक व्यक्ति बाहर निकल कर आमिर से कहने लगा...
"आओ आमिर भाई मैं आपका ही इंतजार कर रहा था"
आलिया ने देखा आमिर को उसके बोलने पर कोई हैरानी नहीं हुई लगता है आमिर उस व्यक्ति को पहले से जानता था आमिर ने आलिया की तरफ चलने का इशारा किया और वह दोनों उस मर्सिडीज के अंदर बैठ गए और गाड़ी चलने लगी...
आलिया ने देखा आमिर अभी भी खामोश था शायद वह अंदर से बहुत ही ज्यादा टूटा हुआ था तभी उसने देखा जो व्यक्ति गाड़ी ड्राइव कर रहा था वह आमिर से कहने लगा...
"आमिर भाई आपको बहुत सालों बाद देख कर मुझे अच्छा लगा"
"शहजाद मेरा भाई मरा है मैं कैसे नहीं आता"
आलिया कि समझ में आ गया कि जो व्यक्ति गाड़ी ड्राइव कर रहा था उसका नाम शहजाद था वह आमिर से इस तरह से बातें कर रहा था जैसे कि वह आमिर को बहुत पहले से जानता हो लेकिन आलिया खामोश थी वह कुछ बोली नहीं बस उन दोनों की बातें सुन रही थी..
"मेरे भाई की मौत कैसे हुई शहजाद"
"आमिर भाई इस बारे में डॉक्टरस भी कुछ नहीं बता पा रहे हैं बस हम सब लोगों को उसकी लाश हिल हाउस की झील पर मिली थी मेरी समझ में खुद नहीं आ रहा आमिर भाई आखिर फ़िरोज़ उस झील के पास करने क्या गया था हम सब जानते हैं कि हम सब लोगों को हिल हाउस के अंदर जाना मना है हम सब लोग अभी भी उस हिल हाउस के पास नहीं जाते
फ़िरोज़ वहां पर करने क्या गया था ये अभी भी रहस्य ही है"
हिल हाउस का नाम सुन कर आलिया को जैसे बिजली का झटका लगा हो....
उसे अचानक वो औरत याद आ गयी उस ने हिल हाउस का ही नाम लिया था अभी दो दिन पहले की तो बात है आलिया को याद आ रहा था कैसे हिल हाउस का नाम सुन कर आमिर के चेहरे का रंग उतर गया था...
आलिया सोचने पर मजबूर हो गयी जो कुछ भी उस के साथ हो रहा था क्या उस का सम्बन्ध आमिर से है आलिया से अब चुप रहा नहीं गया आलिया बोल ही पड़ी....
"आमिर तुम्हें याद है दो दिन पहले जो मैंने तुमसे कहा था वह रेस्टोरेंट के बाहर मुझे जो औरत मिली थी उसने भी मुझे हिल हाउस का नाम ही बताया था "
आमिर आलिया की बात सुनकर उस की तरफ देखने लगा
"हम इस बारे में बाद में बात करेंगे आलिया"
आलिया आमिर की बात सुनकर चुपचाप हो गई..
कार चलते अब बहुत देर हो चुकी थी..
आलिया ने देखा अब मरसिडीज़ पहाड़ो पर चल रही थी..
चारो तरफ अब कोहरा छाने लगा था अब हवा भी ठण्डी चलने लगी थी चारो तरफ पहाड़ो पर हरियाली ही हरियाली थी दोपहर अब ढलने लगी थी...
तब ही आलिया ने चलती हुई कार से सडक पर एक बोर्ड लगा देखा
जिस पर हिल हाउस टाउन लिखा हुआ था...
आलिया ने फिर आमिर से पूछा..
"तुम्हारा घर किस टाउन मे है आमिर"
"हम हिल हाउस टाउन के रहने वाले हैँ आलिया"
आमिर ने आलिया की तरफ देख कर ग़मगीन लहज़े मे कहा
आलिया के कानो मे उस औरत के अल्फाज़ गूँज पड़े..
"तुम्हें हिल हाउस टाउन जाना होगा"
आलिया के लिए ये सब कुछ अजीब था वो आमिर से बहुत कुछ पूछना चाहती थी मगर ये वक़्त सही नहीं था........ ये सब पूछने के लिए...