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झील कि परछाई पार्ट -4

10 फरवरी 2022

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घर पहुँच कर आलिया ने आमिर के लिए कॉफ़ी बनायी..

वो आमिर को बहुत गौर से देख रही थी. आमिर कॉफ़ी पीने के बाद आलिया को मुस्करा कर देखने लगा..

और बड़े थके अंदाज़ मे बोला..
" मुझे नींद आ रही है आलिया"

"कोई बात नहीं आमिर सो जाओ सुबह बात करेंगे"

दूसरे दिन आमिर और आलिया नाश्ता कर रहे थे..

आमिर अब सही था.

"क्या बात है आलिया कल से देख रहा हूं यार तुम मुझे घूर घूर के देख रही हो"
........
"हाँ तुम ने सही देखा आमिर  कल मैंने जब उस औरत हुलिया तुम्हें बताया था तब तुम अचानक परेशान हो गए थे"

"क्यों....?"

"ऐसा कुछ नहीं है आलिया.आलिया मैंने तो तुम्हें परेशान देखा तो तुम्हें देखकर मैं परेशान हो गया"

आलिया ने महसूस किया कि आमिर उस से  साफ-साफ झूठ बोल रहा था.......

"तुम कहना क्या चाहते हो आमिर....कल.....तुम मेरा मजाक उड़ा रहे थे!फिर तुमने मुझसे उस औरत का हुलिया पूछा मैंने जैसे ही उस औरत का हुलिया तुम्हें बताया तुम्हारे चेहरे का रंग उड़ गया मैं यही जानना चाहती हूं क्या तुम उस औरत को पहले से जानते हो!कुछ तो बात है आमिर तुम मुझसे कुछ छुपा रहे हो"
आमिर आलिया की बात सुनकर हंसने लगा..

"ऐसी कोई बात नहीं आलिया तुम्हें लगा होगा वह क्या है कि कल मेरी तबीयत ठीक नहीं थी"

"अच्छा रेस्टोरेंट्स मैं तो तुम बिल्कुल सही थे अचानक तबीयत खराब हो गई"

"नहीं आलिया तुम्हें कोई गलतफहमी हुई है यार तुम मेरी बीवी हो कितने सालों से मुझे जानती हो"

"हां तुम्हें इतने सालों से जानती हूं तब ही तो तुम्हें शक की निगाह से देख रही हूं तुम्हारा ऐसा बिहेवियर मैंने पहले कभी नहीं देखा"

"आलिया हो जाता है  कभी कभी... अब मैं चलता हूं"

"एक मिनट तुम तो कल कह रहे थे कि तुम मेरे साथ वक्त बिताने वाले हो"

"क्यों नहीं आलिया आज ऑफिस के कुछ ज़ुरूरी काम निपटा लूँ तब तक तुम डिसाइड कर लो कहाँ घूमने जाना है"

ये कह कर आमिर घर से बाहर निकल गया..

और आलिया खामोश नजरों से आमिर को देखने लगी..

आमिर अब वहां से जा चुका था और आलिया अभी भी अपनी सोचो मैं गुम थी..

उसे आमिर का कल का रवैया बड़ा अजीब लगा था वह उसे भूल नहीं पा रही थी..

फिर आलिया को कहीं ना कहीं आमिर की बात भी सही लगी थी..

हो सकता है उसे परेशान देखकर आमिर भी परेशान हो गया हो फिर उसे लगने लगा वह आमिर के ऊपर बेवजह शक कर रही है
फिर उस ने सारी बाते अपने ज़ेहन से झटक दीं..

और वह आमिर की आज की बात को लेकर सोचने लगी आमिर उसे अभी-अभी कह कर गया था कि आज  ऑफिस से कुछ जरूरी काम निपटा लेगा..

वो सोच रही थी कि कहां घूमने जाना है एक बार तो उसके दिमाग में ख्याल आया उसे हिंदुस्तान जाना चाहिए..

उसने कभी भी हिंदुस्तान नहीं देखा था उसे हिंदुस्तान देखने की बड़ी ख्वाइश थी..

फिर एकाएक उसके दिमाग में ख्याल आया कि अमीर ने कभी भी अपने घर वालों का ज़िक्र उसके सामने नहीं किया था.वह कभी भी अपने घरवालों की ज्यादा बातें नहीं करता था और उसने कभी भी पूछने की कोशिश की तो आमिर ने हमेशा उसे टाल दिया..

फिर वह मन ही मन में सोचने लगी घरवाले चाहे जितने भी बुरे हो अगर आमिर और वो उनसे मिलने जाए तो हो सकता है वह उसे देख कर खुश हो जाएं..

सच तो यह है कि आलिया अकेले रह रह कर थक गई थी उसका  अंदर से बहुत दिल करता था काश उसकी भी कोई सास होती उसकी भी कोई नंद होती...

मगर यह सारी बातें वो आमिर के सामने नहीं कर पाती थी उसे लगता था कि अगर वह यह सारी बातें आमिर के सामने करेगी आमिर को कहीं यह ना लगे कि वह आलिया को उतना प्यार नहीं दे पाया जितना प्यार वो आलिया से करता था..

  उस के बातें कहीं आमिर को बुरी ना लगे वह किसी भी कीमत पर आमिर का दिल नहीं दुखाना चाहती थी सच तो यह है कि वह आमिर से बेइंतहा मोहब्बत करती थी वह आमिर के सामने कोई ऐसी बात नहीं करती थी जो बात आमिर को बुरी लगे और आमिर ने भी इन दस सालों में उसे खुश रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी वह भी आलिया से बेइंतहा मोहब्बत करता था और आलिया इस बात को समझती थी..

इन्हीं सब बातों की गहराई में आलिया डूब गई थी कि अचानक उसका ध्यान दरवाजे की डोर बेल  बजने से टूटा..

आलिया को महसूस हुआ कोई उस के दरवाज़े की डोर बेल  बहुत देर से  बजा रहा था..

अचानक आलिया अपनी सोच के समुन्दर से बाहर आ गई..

आलिया ने देखा बाहर वॉचमैन इस वक्त मौजूद नहीं था..

ऐसा इस से पहले कभी नहीं हुआ था कि वॉचमैन उस वक्त वहां मौजूद ना हो आलिया ने सोचा हो सकता है वॉचमैन कहीं चला गया हो मगर उस ने फिर सोचा इस वक़्त कहाँ जा सकता है
बरहाल देखना तो पड़ेगा की कौन है......

आलिया तेज तेज कदमों से चलती हुई दरवाजे की तरफ चली गई फिर उसने अपने दाएं और बाएं फिर देखा वॉचमैन उसे फिर भी नहीं मिला..

आलिया ने दरवाजा खोल दिया..

आलिया ने देखा सामने एक नौजवान खड़ा था

"कौन हो तुम"

वह नौजवान आलिया को बहुत गौर से देख रहा था..

"मुझे आमिर भाई से मिलना है"

उस नौजवान के आमिर को भाई कहने से आलिया चौक गयी
फिर वो नौजवान बोला..

"ये आमिर भाई का ही घर है ना"

आलिया ने हाँ मैं सर हिला दिया..

आलिया ने देखा वो नौजवान भीगा हुआ था और कपकपा रहा था क्यों सर्दी ज़्यादा थी..

वो फिर आलिया की तरफ देख कर बोला..

"मुझे आमिर भाई से मिलना है"

आलिया ने अब उस नौजवान की शक्ल बहुत गौर से देखि उसने नोट किया कि उस नौजवान की शक्ल आमिर से बहुत हद तक मिलती थी..

आंखें तो बिल्कुल हूबहू आमिर के जैसी ही थी चेहरे पर बस थोड़ा बहुत फर्क था अगर वह थोड़ा बहुत फर्क ना होता तो यकीनन वो इंसान आमिर का हमशक्ल होता या एक तरह से आमिर ही होता..

आलिया ने पहले इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया था मगर गौर से देखने पर आलिया का ध्यान उसके चेहरे पर गया था और उसकी हैरत का ठिकाना नहीं रहा..

आलिया ने पूछा ....

"क्या नाम है तुम्हारा"

"मेरा नाम फिरोज है मुझे अंदर नहीं बुलाओगी आप.और आप कौन हो"

"मैं आमिर की वाइफ हूं"

फिर आलिया ने उस से पूछा..

" बाहर बारिश तो हो नहीं रही तुम भीग कैसे गए"

फ़िरोज़ आलिया को थकी थकी नज़रो से देखने लगा...

"ठीक है अंदर आ जाओ"

आलिया ने देखा वह नौजवान टूटे टूटे कदमों से अंदर आ गया
जैसे कि उसकी टांगों में बहुत तकलीफ हो आलिया उसे अपने ड्राइंग रूम में ले आई..

मगर आलिया की समझ में कुछ भी नहीं आ रहा था उसको यह समझ में नहीं आ रहा था कि इस नौजवान को उसके घर का पता किसने दिया जो खुद को आमिर को अपना भाई बता रहा था..

आलिया उसके सामने बैठ गई आलिया ने देखा कि उस नौजवान के बाल अभी भी गीले थे और बिखरे हुए थे जैसे वह किसी दर्द या तकलीफ में हो.........

आलिया के  ऐसे देखने पर फ़िरोज़ खुद ही बोल पड़ा..

"मैं जानता हूं  हम एक दूसरे से कभी भी नहीं मिले मैं इंडिया में रहता हूं और आप लंदन में"

"औरररर पिछले बारह सालों से आमिर भाई भी कभी भी हमसे मिलने नहीं आए हम उन्हें बहुत याद करते हैं बड़ी मुश्किल से पता ढूंढ कर मैं आमिर भाई के पास आया था जब आप ने दरवाजा खोला तो मुझे लगा था कि आप आमिर भाई की बीवी ही होंगी यानी कि मेरी भाभी"

"आमिर भाई कहां है "

उस नौजवान के इतनी बेतकल्लुफ से पूछने पर आलिया को अब थोड़ा-थोड़ा यकीन हो गया था कि वह नौजवान सच बोल रहा था आलिया को उसका चेहरा देखकर और ज्यादा यकीन हो गया था क्योंकि उसका चेहरा हूबहू आमिर से मिलता जुलता था.....
फिर आलिया उस नौजवान से कहने लगी..

"तुम मुझे बहुत थके थके से लग रहे हो क्या तुम सीधे इंडिया से हमारे घर पर आ रहे हो "

वह नौजवान मुस्कुरा कर देखा ........

मगर आलिया ने देखा उस नौजवान की मुस्कुराहट में बहुत दर्द था......

"हां भाभी मैं सीधे इंडिया से  ही आ रहा हूं बहुत दूर से सफर करके मैं आमिर भाई के पास उनसे मिलने के लिए आया था"

"आमिर तुम्हारे आने से करीब बीस मिनट पहले ऑफिस चले गए मगर कोई बात नहीं वह अभी थोड़ी देर में आ जाएंगे सच तो यह है कि वह तुम्हें देख कर खुश हो जाएंगे "

आलिया उस नौजवान को देखकर अंदर ही अंदर खुश थी क्योंकि बहुत दिनों बाद उसके घर में कोई ऐसा आया था जो उसे अपना लग रहा था वरना इस विदेश में आलिया का आमिर के अलावा कोई भी नहीं था यहां के लोग उससे बातचीत तो अच्छी तरह से करते थे मगर उन मे अपनाय्यत की खुशबू नहीं आती थी..

तुम मुझे कुछ परेशान से लग रहे हो हिंदुस्तान में सब खैरियत तो है ना......
आलिया की बात सुनकर फिरोज मुस्कुरा दिया हां भाभी सब खैरियत से हैं.....

"फिरोज भाई कब तक आएंगे"

आमिर भी अभी थोड़ी देर में आते होंगे..

"मगर फ़िरोज़ तुम्हारा बैग कहाँ है"

फ़िरोज़ खाली खाली नज़रो से आलिया को देखने लगा..

"मैं ऐसे ही आया हूं भाभी क्यों कि मुझे आमिर भाई से बहुत ज़ुरूरी बात करनी थी "

"तुम गीले हो गए हो फ़िरोज़!और तुम थक भी गए होगे मैं तुम्हारे लिए कॉफ़ी बना कर लाती हूं फिर हम लोग ढेर सारी बातें करेंगे आमिर तुम्हें देखकर बहुत खुश हो जाएंगे मैं उन्हें फोन करके अभी बुलाती हूं"

आलिया के ऐसा बोलने पर वह नौजवान मुस्कुरा दिया..

आलिया ने देखा उस की मुस्कराहट हूबहू आमिर के जैसे ही थी.....

आलिया यह कहकर उठकर किचन में चली गई और किचन में जाकर कॉफ़ी बनाने लगी..

कॉफ़ी बनाते बनाते ही उसके मन में ख्याल आया कि चलो आज आमिर को सरप्राइस देते हैं आमिर ने तो कभी भी अपने घर वालों के बारे में बताया नहीं था..

आलिया को पूरा  यकीन था कि आमिर अपने छोटे भाई को देख कर खुश हो जाएगा भाई चाहे जैसा भी हो अच्छा हो या बुरा पर भाई भाई होता है यह सारी बातें सोच कर आलिया ने आमिर को फोन लगा दिया मगर आमिर ने कॉल रिसीव नहीं की
आलिया ने दो तीन बार कॉल लगाया मगर आमिर की तरफ से कोई जवाब नहीं आया फिर आलिया सोचने लगी शायद आमिर बिजी है या फिर वह ड्राइव कर रहा है क्योंकि ज्यादातर ड्राइव करते में आमिर कॉल नहीं उठाता था.. आलिया कॉफ़ी बना कर बाहर आ गई मगर बाहर आकर उसने देखा..

फ़िरोज़ वहां पर नहीं था चारों तरफ सन्नाटा था आलिया फ़िरोज़ को देखती हुई बाहर लॉन तक आ गई मगर उसने देखा कि अभी अभी उसका वॉचमैन जो ज्यादातर गेट पर होता था और थोड़ी देर पहले वो नहीं था अब वह वहां पर मौजूद था..

आलिया ने वॉचमैन से पूछा..

" यहां पर अभी अभी एक नौजवान आया था कहां गया वो क्या वह बाहर गया है"

वॉचमैन हैरत से आलिया की तरफ देखने लगा..

"क्या बात कर रही हो हो मैडम जी कौन सा नौजवान यहाँ तो कोई नहीं आया"

"कैसी बातें कर रहे हो तुम अभी दस मिनट पहले की बात है ज़ब तुम यहां पर नहीं थे घर की डोर बेल बजी थी और गेट मैंने ही खोला था वह आमिर का भाई था"

वॉचमैन आलिया की बात सुनकर हैरत से देखने लगा..

"नहीं मेम साहब आपको जरूर कोई गलतफहमी हुई होगी मैं यहां से गया ही नहीं जब मैं यहां से गया ही नहीं तो बाहर से अंदर कोई कैसे आ सकता है"

"आपने जरूर कोई सपना देखा होगा"

वॉचमैन की यह बात सुनकर आलिया को गुस्सा आ गया..

"ऐसे कैसे हो सकता है अभी पांच मिनट पहले ही तो मैं  उसके लिए कॉफी बनाने गई थी"

तभी गाड़ी के हॉर्न की आवाज आलिया के कानों में टकराई वह गाड़ी के हॉर्न की आवाज को पहचानती थी वो आवाज़ किसी और की नहीं आमिर की गाडी की हॉर्न की आवाज़ थी
वॉचमैन ने दरवाजा खोल दिया वो आमिर की ही गाड़ी थी
आलिया ने देखा आमिर गाड़ी से थके थके कदमों से बाहर निकला..

आलिया ने उसके चेहरे पर देखा आमिर बहुत परेशान नजर आ रहा था  उसकी आँखे सुर्ख लाल हो रही थीं.....

आमिर की आँखों से जब भी कभी आंसू बहते थे तो उस की आंखे सुर्ख लाल हो जाती थीं..

आलिया अभी भी हाथ में कॉफ़ी का मग पकडे हुई थी..

आलिया ने टेबल पर कॉफ़ी का मग रख कर पूछा..

"क्या बात है आमिर सब खैरियत तो है"

आलिया की बात सुनकर आमिर की आंखों से आंसू बहने लगे......

"आलिया अभी-अभी हिंदुस्तान से मेरे पास एक फोन आया था
मेरा भाई.... मेरा छोटा भाई..... जिस का नाम फ़िरोज़ था.......
फिरोज अब इस दुनिया में नहीं रहा"

आमिर के अल्फाज़ आलिया के कानों में जैसे ही पड़े तो आलिया फटी फटी नज़रो से आमिर को देखने लगी.......

"उस की मौत हो गयी आलिया"

"क्या कहना चाहते हो तुम आमिर"

"यही आलिया मेरा भाई की कल मौत हो गयी
हमें हिंदुस्तान जाना होगा"

तब ही आलिया के कानो मैं किसी ने सरगोशी की

"भाई को हिंदुस्तान मत जाने देना आप"

आलिया इस आवाज़ को पहचानती थी..

अभी कुछ देर पहले ही तो ये आवाज़ उस ने सुनी थी
आलिया ने देखा आमिर बहुत ग़मगीन लहज़े मे आलिया को बता रहा था..

तब ही आलिया ने देखा आमिर के बगल मे वही शख्स खड़ा था जिस ने अपना नाम फ़िरोज़ बताया था वो आलिया को ही देख रहा था आलिया ने देखा उस के चेहरे मे दर्द था फिर अचानक फ़िरोज़ के चेहरा फटने लगा..

उस की आँखों से खून बहने लगा ये देख कर आलिया की चीख निकल गयी उसे कुछ भी होश नहीं रहा था वो बेहोश हो चुकी थी.................


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रचनाएँ
झील की परछाई
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"यही वो सच्चाई है जो इस किताब में लिखी हुई है इस किताब को किसने लिखा और यह किताब मिश्र तक कैसे पहुंची कोई नहीं जानता मगर इस किताब का एक-एक अल्फाज सच्चा है हमने जो घर खरीदा था उस घर को सोनामन ने ही ब

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