shabd-logo

ज़िन्दगी का सफ़र

8 सितम्बर 2021

51 बार देखा गया 51
कोई रो कर दिल बहलाता हैं,तो हंस के दर्द छुपाता है । क्या करामात है खुदा का, जिंदा इंसान पानी में डूब जाता है,और मुर्दा तैर कर दिखाता है।

Vikash Shukla की अन्य किताबें

Shailesh singh

Shailesh singh

बहुत ही अच्छा लिखा है विकास लिखते रहो ।।।।✌️🙏

8 सितम्बर 2021

Vikash Shukla

Vikash Shukla

8 सितम्बर 2021

आप लोगों से ही सीखा है

1

ज़िन्दगी का सफ़र

8 सितम्बर 2021
1
6
2

<div>कोई रो कर दिल बहलाता हैं,तो हंस के दर्द छुपाता है । क्या करामात है खुदा का, जिंदा इंसान पानी मे

2

प्रेम

8 सितम्बर 2021
2
6
0

<div>उनकी मोहब्बत का अभी निशान बाकी है, नाम होंठों पर जान बाकी है क्या हुआ अगर देख कर नजर फेर

3

बालक जीवन

9 सितम्बर 2021
6
12
2

<div>टकराकर भी ना टूटे, हम वो धार बनाते हैं।</div><div>हम बालक है जनाब, अपनी कलम को ही तलवार बनाते ह

4

परिश्रम

12 सितम्बर 2021
4
10
1

<div>दुनिया के सारे शौक पाले नहीं जाते,</div><div>कांच के खिलौने हवा में उछाले नहीं जाते, परिश्रम कर

5

गरीबी

13 सितम्बर 2021
3
8
3

<div>कि अभी पलक सुखी न थी,</div><div>कमबख्त दुख की बारिश आ गई,</div><div>कि जब अपनों का छाता मिला ही

6

हिंदी दिवस

14 सितम्बर 2021
4
11
2

<div>गर्व हमें हैं हिंदी पर, शान हमारी हिंदी हैं कहते _सुनते हिंदी हम, पहचान हमारी हिंदी हैं ।</div>

7

Prem

24 नवम्बर 2021
0
1
0

<div>आज फिर अधूरी एक रात रह गई ,आज फिर अधूरी उनसे मुलाकात रह गई । रह गए अधूरे कुछ ख्वाब ज़िन्दगी के

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए