shabd-logo
Shabd Book - Shabd.in

Vikash Shukla की डायरी

Vikash Shukla

7 अध्याय
0 व्यक्ति ने लाइब्रेरी में जोड़ा
13 पाठक
निःशुल्क

 

vikash shukla ki dir

0.0(0)

पुस्तक के भाग

1

ज़िन्दगी का सफ़र

8 सितम्बर 2021
1
6
2

<div>कोई रो कर दिल बहलाता हैं,तो हंस के दर्द छुपाता है । क्या करामात है खुदा का, जिंदा इंसान पानी मे

2

प्रेम

8 सितम्बर 2021
2
6
0

<div>उनकी मोहब्बत का अभी निशान बाकी है, नाम होंठों पर जान बाकी है क्या हुआ अगर देख कर नजर फेर

3

बालक जीवन

9 सितम्बर 2021
6
12
2

<div>टकराकर भी ना टूटे, हम वो धार बनाते हैं।</div><div>हम बालक है जनाब, अपनी कलम को ही तलवार बनाते ह

4

परिश्रम

12 सितम्बर 2021
4
10
1

<div>दुनिया के सारे शौक पाले नहीं जाते,</div><div>कांच के खिलौने हवा में उछाले नहीं जाते, परिश्रम कर

5

गरीबी

13 सितम्बर 2021
3
8
3

<div>कि अभी पलक सुखी न थी,</div><div>कमबख्त दुख की बारिश आ गई,</div><div>कि जब अपनों का छाता मिला ही

6

हिंदी दिवस

14 सितम्बर 2021
4
11
2

<div>गर्व हमें हैं हिंदी पर, शान हमारी हिंदी हैं कहते _सुनते हिंदी हम, पहचान हमारी हिंदी हैं ।</div>

7

Prem

24 नवम्बर 2021
0
1
0

<div>आज फिर अधूरी एक रात रह गई ,आज फिर अधूरी उनसे मुलाकात रह गई । रह गए अधूरे कुछ ख्वाब ज़िन्दगी के

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए