छत्रपति शिवजी महाराज एक ऐसा नाम जिसे सुनने के बाद मुघलो के पसीने छूट जाते थे और जो मुग़ल राजा अपने आप को हिंदुस्तान का सबसे सक्तिसाली राजा मानते थे वो सब काँप जाते थे चलिए जानते है उन महान राजा छत्रपति शिवजी महाराज के एक महान किस्से बारे मे|
छत्रपति शिवजी महाराज का जनम साल 19 फेब्रुअरी 1930 में हुआ था शिवनेरी किला कुसूर में
उनकी माँ जीजा बाई ने उन्हें बचपन से ही रामायण और महाभारत का ज्ञान दिया था जिसकी वजह से
उनके अंदर बचपन से ही अधर्म को ख़त्म करते धर्म की स्थापना करने का विचार आया | और इसी भावना के साथ वीर शिवजी ने कभी भी मुघलो के आगे सर नहीं झुकाया |
जब शिवजी ने सिखाया अफ़ज़ल खान को सबत
अफ़ज़ल खान शिवजी महाराज का सबसे पुराना दुश्मन जो शिवजी महाराज कमजोर समझता था उसको मौत के घाट उतरा शिवजी महाराज ने
कई बार युद्ध में जब अफ़जल खान शिवजी महाराज को नहीं हरा पाया कब उसने बेमानी से उन्हें हराने की सोची उसने शिवजी महाराज को मिलने के लिए बुलाया और शरत रखी की हम दोनो बिना किसी हथियार के मिलेंगे क्योकि वो जानता था की शिवजी महाराज अपनी जुबान के पक्के है अगर उन्होंने हां कर दी को वो बिना हथियार के ही आ जायेगे लेकिन अफ़ज़ल खान बईमान था
जब दोनों गले मिले उस समय अफ़ज़ल खान ने पीछे से चाकू शिवजी की पीठ पर मार दिया लेकिन शिवजी भी पूरी तयारी के साथ आये थे उन्होंने अपने कपड़ो के अंदर एक कवज पेहेन रखा था जिसकी वजह से वो चाकू शिवजी महाराज को छू भी नहीं पाया और फिर उसी के चाकू से शिवजी महाराज ने अफ़ज़ल खान को मार दिया बिना कोई बेमानी के