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मानव जीवन है मिला , कर ले प्रभु का ध्यान। धन दौलत कामोह तज, त्याग सकल अभिमान।। इस जीवन का सार है, कर ले प्रभु से प्रीत। परम गति यदि पा सका, तो है सच्ची जीत।। प्राणी आया जगत में, क्या है इसका अर्थ। काम क्रोध मद लोभ में,फँस कर मत