kavindra verma
common.booksInLang
common.articleInLang
Aajuba
राजा के सौ चेहरे
"एक राजा, चला था लेने जायजा। अपनी प्रजा के बारे में हमेशा वह सोचता था, उन्हें कोई दुख न हो यह देखता था। रास्ते में वह मिला एक किसान से, जो चल रहा था धीरे-धीरे मारे थकान के।" राजा ने उससे पूछा 'तुम कितना कमाते हो, रोज कितना बचा पाते हो?'
राजा के सौ चेहरे
"एक राजा, चला था लेने जायजा। अपनी प्रजा के बारे में हमेशा वह सोचता था, उन्हें कोई दुख न हो यह देखता था। रास्ते में वह मिला एक किसान से, जो चल रहा था धीरे-धीरे मारे थकान के।" राजा ने उससे पूछा 'तुम कितना कमाते हो, रोज कितना बचा पाते हो?'
);
अभी कोई भी लेख उपलब्ध नहीं है
---