गाफिल नींद में चल कर आया मयकश जब मयखाने में
खाली - खाली जाम पडे थे सूने से मयखाने में
खाली पियाली उसने उठा ली हसरत भरी नजर इक डाली
फिर आया जोश दिवाने में खाली पियाली चूम रहा था
और दिवाना झूम रहा था कैसी खुशी थी कैसा नशा था
कैसी खुशी थी कैसा नशा था प्यासे उस मस्ताने में
गाफिल नींद में चलकर आया मयकश जब मयखाने में
खाली - खाली जाम पडे थे सूने से मयखाने में
खाली - खाली मय का सागर खाली मय के दरिया ताल
थामें - थामें खाली पियाली बेकश था वो हाल बेहाल
खाली पियाली की खनखन में दिवाने की हर धडकन में
गूंज उठे प्यासे पैगाम आ मेरे साकी ले के सुराही
आ मेरे साकी ले के सुराही मय भर दे पैमाने में
गाफिल नींद में चल कर आया मयकश जब मैखाने में
खाली - खाली जाम पडे थे सूने से मयखाने में
साकी ने भी नजर चुरा ली खाली पियाली रह गई खाली
नफरत भरी नजर इक डाली फिर खोया होश दिवाने ने
खाली पियाली चूम रहा था और दिवाना झूम रहा था
कैसी ख़लिश थी कैसा गिला था प्यासे उस मस्ताने में
गाफिल नींद में चल कर आया मयकश जब मयखाने में
खाली - खाली जाम पडे थे सूने से मयखाने में
खाली निगाहें बनी सवाली होठों पे प्यासे थे सवाल
और सवालों के जवाब थे खाली खाली सवाल औ खाली जवाब
खाली सवालो की सुलझन में खाली जवाबों की उलझन में
भडक उठा प्यासा नादान आ मेरे साकी देख तबाही
तू देख इसी मयखाने में
गाफिल नींद में चलकर आया मयकश जब मयखाने में
खाली खाली जाम पडे थे सूने से मयखाने में
तेरी सारी बोतल खाली खाली तेरी बोतल सारी
दिवाने ने कसम उठा ली न मय पीना ना मै जीना
ना मय पीना ना मै जीना बूंद बूंद पर मेरा नाम
हाय री मेरी अंधी किस्मत प्यास हो गई आज निलाम
ऐसी प्यास जो सागर पी गई, पी गई उसकी उम्र तमाम
प्यासा दिवाना, प्यासा - प्यासा चल बसा इसी मयखाने में
गाफिल नींद में चल कर आया मयकश जब मयखाने में
खाली - खाली जाम पडे थे सूने से मयखाने में
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