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शराब कैसी होती है?

11 मार्च 2022

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अभी खुली बस एक ही बोतल
बस - बस महफिल कहती हैं

तुम क्या जानो दुनिया वालों 
ये शराब कैसी होती है?

नखरे वाली नार के जैसी
तल्ख उसके इंकार के जैसी 

गर पीने पे आ जाओ तो
लगती है इकरार के जैसी 

मैने खोली दूसरी बोतल
अश-अश महफिल कहती हैं

तुम क्या जानो दुनिया वालों 
ये शराब कैसी होती है?

दिलवर के एतबार के जैसी
नशीली उसके प्यार के जैसी

गर पीने पे आ जाओ तो 
लगती है दिलदार के जैसी

अबके खुली जो तिसरी बोतल
रुक - रुक महफिल कहती हैं

तुम क्या जानो दुनिया वालों 
ये शराब कैसी होती है?

बामौसम बरसात के जैसी 
सावन की भीगी रात के जैसी 

गर पीने पे आ जाओ तो 
लगती है सौगात के जैसी 

तुम भी देखो दुनिया वालों
शराब बिल्कुल मेरे जैसी है

आज तुम भी पीकर देखो 
बिल्कुल तेरे जैसी है
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रचनाएँ
महफिलें जाम ओ मीना
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मय, मयकश, मयकशीऔर मयखाना यह विषय बहुतो का पसंदीदा विषय है और बहुतो के लिए हमेशा से एक विचारणीय विषय भी रहा है। अनेक रचनाकारों ने इस विषय पर अपनी-अपनी शैली में रचनाओं का सृजन किया। आदरणीय सुप्रसिद्ध कवि श्री हरिवंश राय बच्चन की कलम से इस विषय पर कालजयी रचना "मधुशाला" का सृजन हुआ जिसे अद्भुत कृति कह सकते हैं दुनिया की अन्य अनेक भाषाओं में जिसका अनुवाद भी हुआ। मेरा यह कविता संग्रह भी इसी विषय पर है। हर रचना एक विषय पर आधारित है किन्तु हर बार अलग अलग भावों को दर्शाती है। पाठको के समक्ष अपनी इस स्वरचित व मौलिक सर्वाधिकार सुरक्षित रचनाओं को प्रस्तुत करते हुए हर्ष का अनुभव कर रही हु।
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दिवाने को बहंका गई

7 मार्च 2022
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सुराही चुलबुली थीपैमाना झूमता थामस्तानी बेखुदी मेमस्ताना झूमता थामयखाना मनचला था औ साकी मनचली थीदिवाना दिलजला था पियाली छलछली थी

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महल है मयखाना

7 मार्च 2022
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हजार शाहखानो काइक महल है मयखाना दर पे आएं है अगर तो बंदगी कर लिजिए खुश्बू ए मय है येजो महसूस किजिएउठाईए जाम के फिरसुराही चूम लिजिए ्हर सूं महक है एकजानी पहचानी सी जी चाहे जितन

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"पहली बार)" - 3

8 मार्च 2022
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<div>जिसने पी है पहली बार</div><div>वो शरमा के पी गया</div><div>के सर झुका के पी गया</div><div>के छुप - छुपा के पी गया</div><div><br></div><div>बेमौत मर रहा था जो</div><div>वो घबरा के पी गया</div><div

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साकी दे दे तू पैमाना

8 मार्च 2022
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हमसे जलता है जमानासाकी दे दे तू पैमाना यूं ही जलता है, जलता रहेगा जमाना &nbsp

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भीगा मौसम

8 मार्च 2022
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भीगा मौसम भरी सुराहीदोनों मन को भाते हैजब रिमझिम बारिश होती हैहम मयखाने आ जाते हैंघनघोर घटाऐं छाती हैतो छाती मचली जाती हैथाम के हम अपना जिगरतब मयखाने आ जाते हैंये आबोहवा मयखाने कीकुछ करामात है पैमाने

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बोतलें

9 मार्च 2022
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दो अजनबी को दोस्त बनाती हैं बोतलें नजदीकियों को और पास लाती है बोतलेंहंसने वालो के साथ खिलखिलाती है बोतलें रोने वालों को भी खूब रुलाती है वह बोतलें देखिए कैसे-कैसे गुल खिलाती हैं बोतलें

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हर गाम खुलेगी

9 मार्च 2022
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सुब्होशाम खुलेगी ये सरे आम खुलेगीबोतल है ये शराब की हर गाम खुलेगी बंद कमरे और खुले आसमान खुलेगीआंधी में खुलेगी और तूफां मे खुलेगीये दोस्तो की दोस्ती के पैगाम खुलेगीहो दुश्मनी तो दुश्मनी के ऐलान ख

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मयखाने की सालगिरह

10 मार्च 2022
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दे दो तालियां दो हांथो सेमयखाने की सालगिरह में पांव कोई लड़खड़ाएं न कुछ ऐसी शर्त लगाएं नसाकी है जाम ओ मीना हैआज सभी को पीना है हां जी भरकर पीना है होश कोई गंवाए नजी की जी में

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थोड़ी सी पी ली है

11 मार्च 2022
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जब भी जी में आयाथोड़ी सी पी ली है बड़ी लजीज है ये तीखी और नशीली हैहै शराब जिसका नाम बड़ अलबेली हैखुशी की दोस्त है वोगम की भी सहेली है जमाने से जुदा है दस्तूर जालिम काहजारों मे

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इकबाल बलंद हैं

11 मार्च 2022
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ऐ शराब नामुरादतेरी तकदीर बलंद हैकितनी सादी है तूजब तलक बोतल में बंद है खुल जाए गर मुंह तेरा फिर सबकी जबां बंद हैबेनागा हाजिरी देते हैं चौखट पे तेरे बंदे तू कितनी कायदा पसंद है&nbsp

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शराब कैसी होती है?

11 मार्च 2022
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अभी खुली बस एक ही बोतलबस - बस महफिल कहती हैंतुम क्या जानो दुनिया वालों ये शराब कैसी होती है?नखरे वाली नार के जैसीतल्ख उसके इंकार के जैसी गर पीने पे आ जाओ तोलगती है इकरार के जैसी मैने खो

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" शराब तो खराब नही "

12 मार्च 2022
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शराब तो खराब नहीखराब ये शराब नही शराब तो मुराद है जो उम्र बेमियाद हैगर जिंदगी अजाब है तो हांथ में शराब ले औ चंद घूंट पी के तूनशे में मय के डूब जा फिर झूमकर कहेगा तूकि जिंदगी ह

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खाली पियाली

12 मार्च 2022
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गाफिल नींद में चल कर आया मयकश जब मयखाने मेंखाली - खाली जाम पडे थे सूने से मयखाने मेंखाली पियाली उसने उठा ली हसरत भरी नजर इक डालीफिर आया जोश दिवाने में खाली पियाली चूम रहा थाऔर दिवाना झूम रहा था कैसी ख

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पीता हू

14 मार्च 2022
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कोई कहता है कि मैं पीते - पीते सोता हूंकोई कहता है कि मैं सोते - सोते पीता हूंजाने कौन सच कहता हैऔर कौन कहता है झूठमै तो पीता हूं, पीता हूंहां फकत मै पीता हूँए उम्र मुझसे चला चली की जिक्र न करमै तो ते

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