shabd-logo
Shabd Book - Shabd.in

कैसी ये जिन्दगी

ममता

25 अध्याय
0 लोगों ने खरीदा
8 पाठक
ISBN : 978-93-94647-12-1
ये पुस्तक यहां भी उपलब्ध है Amazon

इस उपन्यास में - 25 भाग है यह उपन्यास एक स्त्री के जीवन संघर्ष पर आधारित है। लेखिका - ममता-यादव (प्रान्जलि काव्य) पूर्णतः मौलिक व स्वरचित तथा सर्वाधिकार सुरक्षित रचना  

kaisi ye jindagi

0.0(0)

पुस्तक के भाग

1

एक तरफा प्यार अनोखा रिश्ता

24 दिसम्बर 2021
2
0
0

<div><span style="font-size: 16px;">तन बावरा मन बावराऔर उस पर बावरी से बह रही है यह हवा भी। वृंदा फि

2

राज की खुशी - भाग - 2

24 दिसम्बर 2021
0
0
0

<p dir="ltr">राजीव को अपनी और इस तरह देखता हुआ देखकर वृंदा इधर-उधर देखने लगी तो राजीव को भी अपनी भूल

3

भाग-3- सपनों की उड़ान

30 दिसम्बर 2021
1
0
0

<div><span style="font-size: 16px;">अधूरी नींद होने के बाद भी वृंदा अन्य दिनों कीअपेक्षा आज खुद को त

4

भाग-4 - अतीत की स्मृतियों का दर्द

2 जनवरी 2022
2
1
0

बिंदा प्रतिदिन। सभी के लिए मनोयोग से खाना पकाती है। सास ननंद को अपने हाथों से परोस कर खिलाती। और दोनों चुपचाप खा भी लेती। वृंदा पति के लंच टाइम का रास्ता देखती है। सुनील का ऑफिस घर के पास ही था। इसलिए

5

कैसी सी ये जिन्दगी - भाग-5

21 जनवरी 2022
1
0
0

अतीत की यादों ने आज वृंदा को झकझोर कर रख दिया था। वह भी ऐसा की वर्तमान की हवाई कल्पना में भी एक ठहराव सा आ गया है। सोचने लगे विंदा मैं जिस तरह से राजीव जी के आकर्षण में बनती जा रही हूं क्या यह सही है?

6

कैसी ये जिन्दगी भाग - 6

21 जनवरी 2022
0
0
0

वृंदा अपने मन की उथल-पुथल को काबू में रखकर खुद को सहज बनाये रखने की पूरी कोशिश कर रही थी। तभी राजीव ने पूछा आपका नाम वृंदा है न, वृंदा भौंचक्की सी रह गई क्योंकि राजीवके आगे कभी उसके नाम का जिक्र हुआ ह

7

कैसी ये जिन्दगी भाग - 7

22 जनवरी 2022
0
0
0

राजीव के जाने के बाद वृंदा आश्चर्य के भंवर से निकल ही नहीं पा रही थी। उसकी आंखों के सामने बार-बार रीता का चेहरा आ जाता राजीव और अपनी मुलाकात रीता मुझसे छुपाना क्यों चाहती है रीता के मन में राजीव को ले

8

कैसी ये जिन्दगी - भाग - 8

23 जनवरी 2022
1
0
0

आज शनिवार है। वृंदा ने अपने मायके जाने के लिए कल ही स्कूल से 2 दिन की छुट्टी ले ली है रविवार मिलाकर उसके पास 3 दिन का समय हो गया अब सब ठीक रहा तो 3 दिन बिताकर वापस आएगी नहीं तो वापस आकर घर में ही छुट्

9

भाग-9

4 फरवरी 2022
0
0
0

वृंदा आजकल बहुत खुश रहने लगी है और राज भी, पर दोनों के खुशी की वजह अलग-अलग है राज के पास नाना नानी के घर की यादें हैं तो वृंदा की उमंग दिल में उठने वाली नई तरंग है। आजकल वृंदा खुद पर ध्यान भी देने लगी

10

भाग-10

5 फरवरी 2022
0
0
0

वृंदा जो अब तक खामोशी से राजीव की बातें सुन रही थी बोली राजीव जी आपकी पूरी बात में सुनना चाहती हूं मगर खाने का समय हो रहा है आज आप हमारे साथ ही खाना खाइए मैं अपना काम करते हुए आपकी बातें भी साथ-साथ सु

11

भाग-11

7 फरवरी 2022
0
0
0

वृंदा सुबह उठकर अपने दैनिक कार्यों को निपटा कर तैयार होकर राज को अपने साथ लेकर स्कूल के लिए निकल पड़ी। आज हल्के नीले रंग की साड़ी और बालों में जुड़े के साथ चेहरे पर हल्के से मेकअप में गजब की खूबसूरत ल

12

भाग-12

12 फरवरी 2022
0
0
0

वृंदा। नजरें झुकाए हुए थरथराते कदमों से उन सबके सामने आकर खड़ी हुई और बोली मैं जानती हूं आप सब को मेरा इस मोहल्ले में रहना पसंद नहीं है मैं आप सभी से वादा करती हूं कि बहुत जल्दी ही मैं मकान की तलाश कर

13

भाग - 13

12 फरवरी 2022
0
0
0

वृंदा और राजीव के अरमानों को तो जैसे पंख लग गए थे राजीव अब हर रोज रात का खाना वृंदा के घर पर ही खाया करते धीरे-धीरे वृंदा राजीव के खाने की पसंद और नापसंद से अच्छी तरह से वाकिफ हो गई थी राजीव भी वृंदा

14

भाग-14

13 फरवरी 2022
0
0
0

सब के सो जाने के बाद वृंदा भी अपने बिस्तर में लेट गई मगर उसकी आंखों की नींद उड़ गई थी उसके मन में भविष्य के सपने चल रहे थे बड़ी मुश्किल से वृंदा को नींद आई बाबूजी के उठने के साथ ही वृंदा भी उठ गई उसे

15

भाग-15

13 फरवरी 2022
0
0
0

वृंदा के। वृंदा के दरवाजे पर पहुंचकर राजीव ने आवाज लगाया, राज दरवाजा खोलो राजीव की आवाज़ सुनकर राज ने दौड़ कर दरवाजा खोला दरवाजा खुलते ही सभी अंदर दाखिल हुए। वृंदा ने रागिनी और उसके पति को दोनों हांथ

16

भाग-16

14 फरवरी 2022
0
0
0

राजीव के कहने पर आज वृंदा ने अपने स्कूल से छुट्टी ले ली है। साथ ही स्कूल नही जाने से राज को भी खेलने का मौका मिल गया है। वृंदा ने उसे सुबह जल्दी उठाया भी नही चाय नाश्ता तैयार करने के बाद ही उसे उठाया

17

भाग-17

14 फरवरी 2022
1
0
0

राजीव - राज अब आप हमें पापा जी कह कर बुलाएंगे तो हमें अच्छा लगेगा।राज - अच्छा दोस्त मैं आपको अब पापाजी बोलूंगा।राजीव - शाबाश मेरा राजा बेटा चलो अब इसी खुशी में आपको अपने हाथों से हलव

18

भाग-18

15 फरवरी 2022
0
0
0

वृंदा के बाबूजी कहने लगे बिन्नोतेरा भाग्य बहुत अच्छा है मगर एक बात की फिक्र मुझे हो रही है वह लोग पैसे वाले हैं और हम गरीब लोग हैं आगे चलकर फिर तुझे कोई परेशानी ना उठानी पड़े वृंदा की मां बोली भले ही

19

भाग-19

16 फरवरी 2022
0
0
0

अधजगी वृंदा की अगली सुबह आ चुकी थी अभी कुछ ही देर में उसका बहुत कुछ बदल जल जाने वाला है उसके अनिश्चित भविष्य का लक्ष्य निर्धारित हो जाएगा लेकिन एक ही चिंता वृंदा को अभी भी परेशान कर रही है इतने दिन मे

20

भाग-20

19 फरवरी 2022
0
0
0

अगली सुबह राजीव के घर का वातावरण ना चाहते हुए भी कुछ बोझिल सा लग रहा है। राजीव ने वृंदा से कहा चलो मै तुम्हें तुम्हारा किचन दिखा दू कहकर वृंदा के साथ किचन में आकर समझाने लगे कौन सा सामान कहां रखा और फ

21

भाग-21

26 फरवरी 2022
0
0
0

वृंदा रोते हुए सोच रही थी क्या कोई आदमी भी इतना नरम दिल हो सकता है कि बच्चे की तरह फूट-फूटकर रो पड़े तभी वृंदा के फोन की घंटी बजी वृंदा ने देखा तो रागिनी का फोन था वृंदा ने फोन रिसीव कर कहा हेलो दीदी?

22

भाग- 22

26 फरवरी 2022
0
0
0

वृंदा राज को साथ लिए हुऐ अपनी साथी टीचर्स के साथ बातचीत करती हुई स्कूल गेट से बाहर निकल रही थी, तभी राज चिल्लाते हुए दौड़ पड़ा पापाजी वृंदा और उसकी सहेलियाँ भी उस तरफ देखने लगी जिधर राज दौड़ कर गया था

23

भाग-23

26 फरवरी 2022
0
0
0

गांव से लौटकर वृंदा के बाबूजी घर खरीद कर अपनी पत्नी के साथ रहने लगे अब राज का ज्यादा समय अपने नाना नानी के साथ ही बीतने लगा मिस्टर सिन्हा भी अक्सर शाम का समय वृंदा के बाबूजी के साथ ही व्यतीत करत

24

भाग-24

26 फरवरी 2022
0
0
0

राजीव और वृंदा खुश थे कि बाबूजी की तरकीब काम कर गई और पापा जी को कोई संदेश भी नहीं हुआ गार्गी अनाथ आश्रम से घर आ गई यह एक सफलता थी लेकिन अभी संभल कर ही कदम रखने में भलाई है वृंदा और राजीव के मन का सबस

25

भाग-25 उपन्यास का समापन भाग

27 फरवरी 2022
0
0
0

गार्गी को दरवाजे के बाहर खड़ा देखकर मिस्टर सिन्हा ने समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन गार्गी रुकने के लिए तैयार ही नहीं थी हार कर मि, सिन्हा ने वृंदा के बाबू जी से कहा समधी जी यह तो मान ही नहीं रही है इस

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए