मय, मयकश, मयकशीऔर मयखाना यह विषय बहुतो का पसंदीदा विषय है और बहुतो के लिए हमेशा से एक विचारणीय विषय भी रहा है। अनेक रचनाकारों ने इस विषय पर अपनी-अपनी शैली में रचनाओं का सृजन किया। आदरणीय सुप्रसिद्ध कवि श्री हरिवंश राय बच्चन की कलम से इस विषय पर कालजयी रचना "मधुशाला" का सृजन हुआ जिसे अद्भुत कृति कह सकते हैं दुनिया की अन्य अनेक भाषाओं में जिसका अनुवाद भी हुआ। मेरा यह कविता संग्रह भी इसी विषय पर है। हर रचना एक विषय पर आधारित है किन्तु हर बार अलग अलग भावों को दर्शाती है। पाठको के समक्ष अपनी इस स्वरचित व मौलिक सर्वाधिकार सुरक्षित रचनाओं को प्रस्तुत करते हुए हर्ष का अनुभव कर रही हु।
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