आज उसके पापा की तेरहवीं है।वो अपने अपने पापा से बहुत प्यार करती थी ।उसके पापा भी उस पर अपनी जान छिड़कते थे। उसके पापा मानो उसके पापा नहीं उसके दोस्त थे । सपना एक सीधी-सादी मरी क्लास फैमिली की लड़की। उसकी तो मानो जैसे दुनिया ही उजड़ गई थी।अपने पापा की जाने की बात ना वो अपना गम किसी से बांट सकती थी और ना ही अपनी खुशी।
सपना एक सामान्य वर्ग की हमेशा खुश रहने वाली लड़की थी। उसका सपना बड़े होकर इंजीनियर बनने का था। 12वीं पास करते ही उसने इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू कर दी। पहले हमारे हिंदू समाज में लड़कियों के जवान होते ही उनकी शादी करा दी जाती थी। चाहे लड़की उसके लिए तैयार हो या न हो। बस सपना के पापा से भी यही गलती हो गई। सपना की उम्र अभी 19 साल की थी अचानक सपना के रामकिशन के दोस्त ने उन्हें सपना के लिए एक रिश्ता सुझाया। रामकिशन जी को लड़का बहुत पसंद आया। लड़का देखने में सुंदर और आकर्षक होने के साथ-साथ एक बहुत बड़ा व्यापारी था। जिसका नाम राजेश था
सपना और राजेश की शादी बहुत धूमधाम से हो गई।शादी की 1,२ साल सब ठीक रहा लेकिन उसके बाद धीरे-धीरे राजेश का व्यापार ठप होने लगा ।