कोरोना
कहर
हाट बाग चौराहे सूने
गलियां सूनी
सड़कें सूनी
बंद कपाट
देवालय सूने
ईश्वर एकटक देख रहे
भक्त मंदिर का
रस्ता भूले
नदिया लहर लहर
अब भी करतीहै
पर इंसान नहाना भूले
हर रोज
जहां मेला सा लगता
नर्मदा घाटी बेचारे सूने
गले लगा
अपनो से मिलते
अब डरते हैं
हाथ छूने
हारा मानव
एक वीषाणु से
जा रहा
आसमान छूने