गउआँ छोड़ि शहर जनि जइह
होइ ख़तम निशानी
जवानी खपि जाइ बचवा.
अइसन करिह जनि नादानी
जवानी खपि जाइ बचवा .
खेत छुटि खरिहान छुटि
आ छूटिहें बाबू माई
अंगना दुअरा सब छुटि जइहें
छूटिहें छोटका भाई
फूट-फूट के रोइब बबुआ
हो जइब बेपानी
जवानी खपि जाइ बचवा .
गली गली मीरजाफर ओहिजा
चउक चउक जयचंद
टूँड़ उठवले बिच्छी मिलिहें
फू फू करत भुजंग
चउबीस घंटा होइ पेराई
होइ कमर कमानी
जवानी खपि जाइ बचवा .
लटपटियन के फेरा में तू
बबुआ जब परि जइब
दिने तरेगन लउके लागी
ओका जस मुँह बइब
बाप बाप चिचियइब बाकिर
केहुओ ना पहचानी
जवानी खपि जाइ बचवा .
बासी बासी भोर मिली
अरूआइल साँझ उदास
पाँख नोचाइल चिरईं बनब
भुइँया गिरी आकाश
आन्हर गूंग बहिर होइ जइब
होइ ख़तम कहानी
जवानी खपि जाइ बचवा .
डॉ. हरेश्वर राय
सतना
मध्य प्रदेश